लाखों रूपये का जवाहर पार्क में बनाया गया रेनहार्वेस्टिंग टैंक वर्षो से बना शोपीस

सोलन के जवाहर पार्क में आज से पांच वर्ष पूर्व रेन हार्वेस्टिंग टैंक बनाया गया था ।  इस टैंक पर लाखों रुपये पानी की तरह बहाए गए ,लेकिन जिस पानी को इस टैंक में संजोया जाना था, उस बारिश के  पानी की एक बूँद भी इस टैंक में नहीं पहुंच पाई।  आज आलम यह है कि,  यह टैंक जगह जगह से टूट रहा है ,और  शायद अब चाह कर भी ,इस टैंक में पानी को स्टोर नहीं किया जा सकेगा।  क्योंकि रखरखाव की कमी से, यह  टैंक जगह जगह से फटने लग गया है। ऐसी सूरत में इसमें पानी को स्टोर ,नहीं किया जा सकता है। नगर परिषद कार्यकाल में , इस टैंक को बना कर ,शायद नगर परिषद के अधिकारी सो गए  थे ,और अब नगर निगम इसे देख रहा है लेकिन, उनके द्वारा भी अभी तक इसे ,उपयोग में लाने के लिए ,कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए है।  जिस से प्रतीत होता है कि, जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है , लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि ,इस बारे में कोई पूछने वाला नहीं है ।  रेन हार्वेस्टिंग टैंक ,बनाना अच्छा कदम था ,जिसकी तारीफ़ करनी चाहिए, लेकिन उसे उपयोग में न ला कर, जैसे  किए कराए पर पानी फेर दिया गया है ।  
जब इस बारे में नगर निगम के असिस्टेंट इंजीनियर , गोपी नाथ से पुछा गया तो  ,उनका  जो जवाब मिला वह और भी हैरान करने वाला था।  उन्होंने बताया कि इस टैंक पर करीबन 11 .50  लाख रुपये खर्च किए गए है। इस टैंक  में एक लाख गैलन पानी को स्टोर किया जा सकता है।  उन्होंने बताया कि इस टैंक के साथ ओपन  थिएटर बनना था।   उसके बाद इसको उपयोग में लाया जाना था।

इस घटना पर  पुरानी कहावत  बिलकुल फिट बैठती है कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।  ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि  अभी तक ओपन थिएटर बनने की कार्रवाई तक आरम्भ नहीं हुई है।  ऐसे में यह बनेगा भी या नहीं इस बारे कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन  पांच वर्ष पहले इस  रेन हार्वेस्टिंग टैंक को ज़रूर  बना दिया  गया। अब यह दूर की सोच किसकी थी और इसको अमलीजामा अभी तक क्यों नहीं पहनाया गया यह जांच का विषय है। लेकिन नगर निगम के 11 लाख रूपये बरसाती पानी को इक्क्ठा करते करते शायद बरसाती नाले में ही बह गए यह अहसास उन्हें अभी तक नहीं हो पाया।