मडग्रां में चार दिवसीय यौर उत्सव दूसरे दिन रविवार को भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्थानीय ग्रामीण ने अपने-अपने घरों में सुबह पूजा अर्चना की उसके बाद गांव वालों के साथ कुंभ के लिए प्रस्थान किया।
कुम्भ में मुखोटे व खाल व्यक्ति ठाकुर साहब के कपड़े पहनकर चिन्हित जगह पर जाकर पूजा अर्चना कर बर्फ के लिंग की परिक्रमा करते हुए नाच-गाना किया गया। स्थानीय निवासी मोती लाल का कहना है कि कुछ सम्मानित परिवार पितर को फूल अर्पित कर ठाकुर साहब का आशीर्वाद लेते है।
यह उन परिवारों में होता है जिन्होंने इस त्यौहार के लिए खर्च प्राचीन समय से यौर खर्च में डाला होता है। जैसे ठाकुर परिवार, बाजीर परिवार, सरनगा परिवार, भौमता परिवार आदि ने इसके उपरांत सुरगणी खेल खेला। प्रसिद्ध करगो राग में नृत्य किया गया व दोपहर के बाद दो यनहाशी व नृत्य किया गया।