विचारधारा से बड़ा है राष्ट्र, देशविरोध में न बदले व्यक्ति का विरोध… हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि संगोष्ठी में बोले पीएम मोदी

समाजवादी नेता हरमोहन सिंह यादव की पुण्यतिथि पर आयोजित संगोष्ठी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश और समाद विचारधाराओं से बड़े होते हैं। व्यक्ति का विरोध देश का विरोध न बने। उन्होंने कहा कि हरमोहन सिंह की प्राथमिकताओं में हमेशा देश और समाज रहा है।

 
हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी
हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी
लखनऊः समाजवादी नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हरमोहन सिंह के समाज के प्रति समर्पण का जिक्र करते हुए उनकी जमकर तारीफ की। मोदी ने कहा कि यादव ने ग्राम पंचायत से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था और इसके बाद वह राज्यसभा सदस्य, विधान परिषध सदस्य और सांसद भी बने लेकिन राजनीति के शिखर पर भी पहुंचकर उनकी प्राथमिकता समाज ही रही।

मोदी ने कहा कि हरमोहन सिंह यादव जी ने अटल जी के दौर में काम किया, जो कहते थे कि सरकारें आएंगी जाएंगी। पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी लेकिन देश रहना चाहिए। यही हमारे देश की आत्मा है। व्यक्ति से बड़ा दल और दल से बड़ा देश है। लोकतंत्र का अस्तित्व देश की वजह से है। उन्होंने कहा कि देश की अधिकांश पार्टियों ने खासतौर पर गैर-कांग्रेसी दलों ने इस विचार को निभाया भी है। उन्होंने इस दौरान इमरजेंसी के दौर का भी जिक्र किया।

विचारधाराओं से बड़ा है देश और समाजः मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है कि 1971 में जब भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था तब हर एक पार्टी सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर सरकार के साथ खड़ी हो गई थी। पहला परमाणु परीक्षण हुआ, तब भी ऐसा ही हुआ लेकिन जब आपातकाल लगा और लोकतंत्र को कुचला गया तो सभी पार्टियों ने एक साथ संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी। हरमोहन सिंह भी उसी संघर्ष के जुझारू सैनिक थे। मोदी ने कहा कि हमारे यहां हमेशा देश और समाज के हित विचारधाराओं से बड़े रहे हैं।

कांग्रेस पर इशारों में निशाना
मोदी ने इस दौरान किसी का नाम लिए बिना विपक्ष पर निशाना भी साधा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज के समय में विचारधारा और राजनैतिक स्वार्थ को समाज और देश से ऊपर रखने का चलन शुरू कर दिया गया है। कई बार सरकार के काम में विपक्ष इसलिए अड़ंगे लगाता है क्योंकि जब वो सत्ता में थे, ,तब वे फैसले लागू नहीं कर पाए थे। अब उसका क्रियान्वयन होता है तो वे लोग परेशान होते हैं। देश के लोग इसको पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का विरोध देश के विरोध में न बदले। विचारधाराओं का अपना स्थान है लेकिन देश सबसे पहले है। समाज सबसे पहले है। राष्ट्र प्रथम है।

लोहिया के सपने को पूरा कर रहा देशः मोदी
मोदी ने कहा कि लोहिया जी का मानना था कि समाजवाद समानता का सिद्धांत है। वह सतर्क करते थे कि समाजवाद का पतन उसे असमानता में बदल सकता है। हमने भारत में दोनों परिस्थितियों को देखा है। भारत के मूल विचार में समाज वाद-विवाद का विषय नहीं है। समाज हमारी सामूहिकता की संरचना है। हमारा संस्कार, हमारी संस्कृति और हमारा स्वभाव है, इसलिए लोहिया जी भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य की बात करते हैं। उन्होंने रामायण मेला शुरू कर भावनात्मक एकता की जमीन तैयार की। गंगा संरक्षण की चिंता उन्होंने दशकों पहले जाहिर की थी। आज नमामि गंगे के जरिए उस सपने को देश पूरा कर रहा है।


कौन थे हरमोहन सिंह

चौधरी हरमोहन सिंह यादव सपा के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं। तीन बार एमएलसी रहे हरमोहन को सपा ने दो बार राज्यसभा भी भेजा था। जब मुलायम सिंह यादव पहली बार सीएम बने तो हरमोहन का इतना रसूख था कि लोग उन्हें ‘मिनी सीएम’ कहते थे। संगठन और सरकार के फैसलों की जमीन अक्सर उनकी कोठी पर तैयार होती थी। 1984 के दंगों में सिख परिवारों को बचाने के लिए उन्हें ‘शौर्य चक्र’ से नवाजा गया था।

वह लंबे समय तक यादव अखिल भारतीय यादव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। अपने समाज में इस परिवार का काफी सम्मान है। हरमोहन के बेटे चौधरी सुखराम सिंह यादव की गिनती भी मुलायम के करीबी चेहरों में होती रही है। 2004 से 2010 तक सुखराम यूपी विधान परिषद के सभापति रहे। वहीं, इस महीने की 4 जुलाई तक सपा से राज्यसभा सांसद थे। सुखराम अखिल भारतीय यादव महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।