हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की योजना को लागू करने से पूर्व विश्वविद्यालय को इसके लिए आवश्यक नियम बनाने होंगे। अभी तक यह साफ नहीं है कि प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत आने वाले शोधार्थियों का चयन कैसे होगा। पात्रता क्या होगी।
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शोधार्थियों के लिए मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना लागू करेगा। इस योजना के तहत हर शोधार्थी को हर साल 36,000 रुपये की फेलोशिप तीन साल तक मिलेगी। विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में इस योजना को लेकर जारी सरकार की अधिसूचना को अपनाने का निर्णय ले लिया है।
एचपीयू में इस योजना के लागू होने से विवि के ऐसे सैकड़ों शोधार्थियों को लाभ मिलेगा जिन्हें कोई फेालोशिप नहीं मिलती है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में करीब बारह सौ शोधार्थी पंजीकृत है, जो शोध कार्य कर रहे है। योजना के तहत पात्र शोधार्थियों को 3000 रुपये प्रतिमाह और सालाना 36 हजार रुपये कीफेलोशिप मिलेगी। जो तीन सालों तक मिलेगी। इससे शोधार्थियों को शोध कार्यों को पूरा करने में आर्थिक तंगी आड़े नहीं आएगी, वे शोध का खर्च इसी फेलोशिप से पूरा कर सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने इस योजना को लागू करने की पहल कर दी है। जिसे अन्य राज्य विश्वविद्यालयों में लागू किया जाना भी तय है। एक अनुमान के अनुसार इन चारों विश्वविद्यालयों में वर्तमान में करीब दो हजार से अधिक शोधार्थी हैं, जो पीएचडी और एमफिल कर रहे हैं। इससे निश्चित तौर पर सरकार का करोड़ों का बजट प्रति वर्ष व्यय होगा, मगर इससे विश्वविद्यालयों में किए जा रहे शोध कार्यों में गुणात्मक सुधार होगा और समय से शोध कार्य पूरे हो सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की योजना को लागू करने से पूर्व विश्वविद्यालय को इसके लिए आवश्यक नियम बनाने होंगे। अभी तक यह साफ नहीं है कि प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत आने वाले शोधार्थियों का चयन कैसे होगा। पात्रता क्या होगी। विश्वविद्यालय की ईसी के फैसले के बाद अधिसूचना को जमीनी स्तर पर लागू करने से पूर्व योजना को लेकर नियम बनाने होंगे।
प्रदेश के चारों विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को होगा लाभ
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और प्रदेश में चल रहे तीन अन्य राज्य विश्वविद्यालयों सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी, डा. वाईएस परमार वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी सोलन और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के पात्र शोधार्थियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। शोधार्थियों की संख्या 15 सौ से अधिक हो सकती है।
सरकार की अधिसूचना को एडाप्ट करने का ईसी में हुआ है फैसला- डीएस
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल ने माना कि 20 जुलाई को कुलपति प्रो. एसपी बंसल की अध्यक्षता में हुई ईसी की बैठक में सरकार की अधिसूचना को एडाप्ट कर दिया गया है। योजना को लागू करने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में की थी योजना की घोषणा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 2022-23 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना की घोषणा की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि ऐसे शोधार्थी जिन्हें किसी भी तरह की फेलोशिप नहीं मिलती, आर्थिक तंगी के कारण ऐसे शोधार्थियों के शोध कार्य में कोई बाधा न आए ऐसे शोधार्थियों को इस योजना के तहत शोध पंजीकरण के तीन साल तक प्रतिमाह तीन सौ रुपये देने की घोषणा की थी। इससे उच्च स्तरीय शोध को बढ़ावा मिलेगा।