चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव (Rashtrapati Chunav 2022) का बहिष्कार करते हुए कहा कि पंजाब से जुड़े कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं और पार्टी नेतृत्व ने राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली थी.
पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल के तीन विधायक हैं. राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से है.
वीडियो संदेश में चुनाव का किया बहरिष्कार
अयाली ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह अपनी इच्छा के मुताबिक ही राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं और मुर्मू को समर्थन देने का फैसला करने से पहले पार्टी नेतृत्व ने उनसे सलाह नहीं ली थी.
हालांकि, दाखा से विधायक अयाली ने कहा कि वह मुर्मू की उम्मीदवारी का विरोध नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, जब पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार को वोट देने का फैसला किया, तो मुझसे सलाह नहीं ली गई. यहां तक कि सिख समुदाय से भी सलाह नहीं ली गई.’’
अयाली ने पंजाब के मुद्दों का जिक्र करते हुए विवादित नदी जल बंटवारे के मुद्दे का समाधान न होने के अलावा पंजाबी भाषी इलाकों को राज्य को सौंपने का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद उससे पंजाब के मुद्दों के समाधान को लेकर काफी उम्मीदें थीं, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया.