शिमला में आक्रोश रैली: 27 संगठनों के हजारों किसान-बागवानों ने किया सचिवालय का घेराव

विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार, मंत्री और अफसर सत्ता के नशे में डूबे हुए हैं और इन्हें किसानों का दर्द नहीं दिख रहा।

संयुक्त किसान मंच के बैनर तले शुक्रवार को राजधानी शिमला में प्रदेश भर से आए बागवानों ने आक्रोश रैली निकाली और सचिवालय का घेराव किया। हजारों की संख्या में शिमला पहुंचे किसान बागवानों ने नवबहार चौक से छोटा शिमला तक करीब तीन किलोमीटर पैदल मार्च किया।

संयुक्त किसान मंच के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में प्रदेश के 27 किसान बागवान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बड़ी संख्या में महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हुईं। इस दौरान शांति व्यवस्था बनाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। डीजीपी संजय कुंडू ने सुबह 10:30 बजे नवबहार और 01:00 बजे छोटा शिमला पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

किसान बागवानों को सचिवालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने छोटा शिमला में संजौली बस स्टॉप के पास तीन स्तर पर बैरिकेडिंग कर रखी थी। प्रदर्शनकारी बेरिकेड पर चढ़ गए जिसके बाद पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि संयुक्त किसान मंच के नेताओं के समझाने पर बागवान शांत हो गए। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और संजय चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार किसान बागवानों को हल्के में लेने की गलती कर रही है।

अभी यह शुरूआत है, मांगें नहीं मानी गई तो विधानसभा चुनावों तक हक की लड़ाई लड़ी जाएगी। विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार, मंत्री और अफसर सत्ता के नशे में डूबे हुए हैं और इन्हें किसानों का दर्द नहीं दिख रहा। सरकार की नालायकी से आज महिलाएं खेत खलियान छोड़ कर सड़क पर उतरने को मजबूर हुई हैं। असंवेदनशील सरकार को सत्ता में रहने का हक नहीं है।

करीब डेढ़ घंटे बाद संयुक्त किसान मंच के नेताओं को बातचीत के लिए सचिवालय के भीतर बुलाया गया। प्रदर्शन में किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर, कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर, मोहनलाल ब्रागटा, पूर्व महापौर हरीश चौहान, आम आदमी पार्टी किसान विंग के प्रदेशाध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी सहित माकपा के नेता शामिल हुए।