श्रवण कुमार बनी ये बहु, पति के साथ बूढ़े सास-ससुर को बहंगी में बैठा करा रही ‘बाबाधाम यात्रा’

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आज के युग का एक बेटा श्रवण कुमार की तरह ही अपने माता पिता को बहंगी में बिठाकर तीर्थ यात्रा करवा रहा है. अच्छी बात ये है कि बिहार का ये पुत्र अपने माता पिता को तीर्थ यात्रा करवाते हुए अकेला नहीं है बल्कि उनकी धर्मपत्नी भी उनके साथ हैं. ये दोनों पुत्र वधू अपने माता पिता के लिए श्रवण कुमार की भूमिका निभा रहे हैं. 

पति पत्नी बने कलयुग के श्रवण कुमार 

Shravan Kumar

बिहार के जहानाबाद के चंदन कुमार अपनी पत्नी रानी देवी के साथ माता-पिता को बाबाधाम यानी देवघर ले जाने के लिए पैदल ही घर से निकल गए हैं. उन्होंने सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर के लिए प्रस्थान किया. न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार चंदन कुमार ने बताया कि वे हर महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करते हैं. इसी पूजा के दौरान उनके मन में इच्छा हुई कि वह माता और पिताजी को बाबाधाम की पैदल तीर्थ करवाएं. यहां समस्या ये थी कि माता और पिताजी के वृद्ध होने के कारण वे 105 किलोमीटर की लंबी यात्रा पैदल तय करने में सक्षम नहीं थे. 

पत्नी ने दी हिम्मत 

Babadham

ऐसे में उन्होंने इस पैदल यात्रा के बारे में अपनी पत्नी रानी देवी से चर्चा की और उनकी पत्नी ने इसमें अपनी भागीदारी देने के लिए सहर्ष तैयार हो गईं. पत्नी से मिली इस हिम्मत के बाद चंदन ने ये कार्य करने की ठान ली और इसके लिए माता-पिता की अनुमति लेकर उनके साथ कांवड़ यात्रा पर निकल पड़े. चंदन ने माता-पिता को बहंगी में बिठाकर अपने कंधे के बल पर इस यात्रा को सफल बनाने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने एक मजबूत कांवड़नुमा बहंगी तैयार करवायी और रविवार को सुल्तानगंज से जल भरकर उस बहंगी में आगे पिताजी और पीछे माताजी को बिठाकर यात्रा शुरू कर दी.

लोग कर रहे हैं प्रशंसा 

Shravan Kumar

चंदन बहंगी के अगले हिस्से को अपने कंधे पर लिए चलते हैं और उनकी पत्नी रानी देवी पीछे से उन्हें सहारा देती हैं. उन्होंने बताया कि लंबी यात्रा है समय लगेगा लेकिन हम इस यात्रा को जरूर सफल करेंगे. चंदन की पत्नी रानी ने बताया कि पति के मन में इच्छा जाहिर हुई तो उनका भी मं हुआ कि वह इसमें भागीदार बनें. वह कहती हैं कि हम लोग खुश हैं कि अपने सास-ससुर को बाबाधाम की यात्रा कराने निकले हैं और लोग भी हम लोगों को हिम्मत दे रहे हैं तथा प्रशंसा कर रहे हैं.