कंडाघाट (रमेश ठाकुर) कृषि विज्ञान केन्द्र कंडाघाट ने सलोगड़ा, सैंज, सकोडी व झाझा पंचायत में जैविक खेती के लिये प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये । कृषि विज्ञान केन्द्र काडाघाट ने डा. यशवन्त सिंह परमार विश्वविद्यालय
साथ मिलकर जैविक खेती पर प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया। इन प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन डा. सीमा ठाकुर, डा. सुनीता चंदेल प्रोफेसर नौणी विश्वविद्यालय व पुष्प वैज्ञानिक डा. राजेश ठाकुर ने मही पंचयात के मनसार गाँव सैंज पंचायत के क्यार गाँव व सकोडी पंचायत के सोनाघाट और झाझा पंचायत के क्यार गाँव में शिविर आयोजित
किए जिसमें 120 किसानों ने भाग लिया । वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण शिविर में किसानों को जैविक खेती अपनाने की सलाह दी । किसानों को बताया गया कि रासायनिक खादों के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण हो रही है । यही नही अत्याधिक रसायनों के प्रयोग से मनुष्य का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। जैविक खेती और प्राकृतिक खेती पर्यावरण हितैषी
खर्चीली तथा घर के काम में उपलब्ध सामान से की जा सकती है ।डॉ सीमा ने कहा कि विश्व को जैविक खेती भारत की देन है । डॉ सीमा ने कहा कि हमारी कृषि परम्परा चार हजार वर्ष पुरानी है । उन्होंने जैविक खेती में ट्राईकोडरमा के मिश्रण को प्रयोग करने की सलाह भी दी ताकि बहुत सी बीमारियों का निदान संभव हो सके । इस अवसर पर बायोडायनमिक कृषि पद्धति पर भी जोर दिया गया जिसमें सींग खाद तथा मटका खाद पर भी चर्चा की गई । इस अवसर पर बहुत से प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे जिनमें ईश्वर दत्त शर्मा, अमर दत्त शर्मा, रोहित कौशिक, ओम प्रकाश धीमान, नरेश ठाकुर, अमित ठाकुर मुख्य रूप से उपस्थित रहे। वरिष्ठ सब्जी वैज्ञानिक डा. सीमा ठाकुर ने किसानों से -जैविक आग्रह किया कि अधिक से अधिक सब्जियों का उत्पादन करें और हिमाचल प्रदेश को रसायनमुक्त बनाए ।
2022-03-20