सेबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लगाई 3 लाख रुपये की पेनल्टी, लेकिन क्यों? जानिए

नई दिल्ली. बाजार नियामक सेबी (Market regulator SEBI) ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. SEBI ने ये पेनल्टी इस आधार पर लगाई है कि बीएसई एक स्टॉक एक्सचेंज होते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर ऐसी गतिविधियों में शामिल था, जो इससे संबंधित नहीं हैं. हालांकि इस जुर्माने का कोई असर नहीं दिखा और बाजार और BSE का शेयर ऊपर की दिशा में बढ़ते रहे.

बीएसई को सेबी के आदेश की प्राप्ति के 45 दिनों के अंदर पेनल्टी का भुगतान करने को कहा है.

बीएसई सेबी के इस फैसले को रिव्यू कर रहा है और मामले के निपटारे को लेकर कानूनी सलाह ले रहा है. BSE ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा है, “हम सूचित करते हैं कि सेबी ने 29 जुलाई, 2022 को एक आदेश पारित किया है, जिसमें बीएसई लिमिटेड पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. उक्त आदेश की समीक्षा की जा रही है और कानूनी सलाहकार के परामर्श के अनुसार उचित रूप से निपटान किया जाएगा.”

 

सेबी ने की BSE के निवेश की जांच
सेबी ने BSE द्वारा किए गए निवेश की जांच की थी. यह जांच यह देखने के लिए थी कि क्या BSE उन गतिविधियों में शामिल था, जो बाजार नियामक (SEBI) की मंजूरी के बिना स्टॉक एक्सचेंज के रूप में नहीं कर सकता. इस जांच की अवधि 26 मार्च 2021 तक बीएसई और/या इसकी सहायक कंपनियों द्वारा रखी गई अन्य संस्थाओं में सभी मौजूदा हिस्सेदारी/शेयरों से संबंधित है.

 

जांच में क्या पाया सेबी ने?
सेबी ने पाया कि बीएसई ने कई कंपनियों में सेबी के अप्रूवल्स के बिना अलग-अलग बिजनेस में हिस्सेदारी ली है. इसमें BSE टेक्नोलॉजीज़, मार्केटप्लेस EBIX टेक्नोलॉजी सर्विस, बीएसई टेक इंफ्रा सर्विसेज, BIL रेसन फ्यूचर्स, और इंडस वाटर जैसी फर्में शामिल हैं. इस संबंध में BSE और उसकी सहायक कंपनियां कथित तौर पर सेबी की मंजूरी के बिना असंबंधित/गैर-आकस्मिक गतिविधियों में लगी हुई हैं.

बीएसई को सेबी के आदेश की प्राप्ति के 45 दिनों के भीतर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है.