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स्वस्थ जीवन की कुंजी है आयुर्वेद- के.सी. चमन

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आज पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय सोलन में निःशुल्क चिकित्सा शिविर एवं ‘कोविड-19 महामारी में आयुर्वेद की भूमिका’ विषय पर सम्मेलन आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता उपायुक्त सोलन के.सी. चमन ने की।
के.सी. चमन ने इस अवसर पर कहा कि आयुर्वेद विश्व को भारत की अनुपम देन है और आयुर्वेद के माध्यम से लगभग सभी रोगों को उपचार संभव है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद रोग के कारण का निवारण करता है। आयुर्वेद में जटिल रोगों से मुक्ति के लिए प्रकृति के माध्यम से उपचार पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद व्यक्ति की तासीर के अनुरूप उपचार उपलब्ध करवाता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि आयुर्वेद द्वारा स्थापित नियमों एवं ऋतुचर्या को जीवन में अपनाएं।
उपायुक्त ने कहा कि उपचार की आयुर्वेदिक पद्धति पूर्ण रूप से विकसित है और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को जन-जन को योग एवं ऋतुचर्या के विषय में जागरूक बनाना चाहिए।
उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए आशा जताई कि चिकित्सा जगत से जुड़े व्यावसायी लोगों को कोविड-19 सुुरक्षा के लिए आवश्यक नियमों के सम्बन्ध में जागरूक करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना, सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करना और नियमित रूप से अपने हाथ धोना कोरोना वायरस से बचाव का कारगर उपाय है। 
उपायुक्त ने सभी से सुरक्षित दीवाली मनाने एवं रात्रि 08.00 बजे से 10.00 बजे के मध्य ही पटाखे चलाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर वैद्य राम कुमार बिन्दल, डाॅ. ए.के. बतरा, डाॅ. डी.डी. बिष्ट, डाॅ. जी.डी.शर्मा, डाॅ. सुरेश मैहता, डाॅ. धर्म चन्द गुलेरिया, डाॅ.एस.एस. परमार, डाॅ. बालमुकुन्द, डाॅ. दिनेश गुप्ता को आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुकरणीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
उपायुक्त ने इस अवसर पर आयोजित औषधीय पौधों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा प्रदर्शित पौधों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
योग भारती के प्रदेश संयोजक श्री निवास मूर्ति ने इस अवसर पर आयुर्वेद, योग एवं रोग निवारण के सम्बन्ध में सारगर्भित जानकारी प्रदान की। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रकृति के समीप रहकर प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करें और योग एवं व्यायाम को जीवन का अभिन्न अंग बनाएं।       
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. राजेंद्र शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस प्रतिवर्ष धनवन्तरि जयंती के अवसर पर आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान धनवन्तरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक पद्धति के माध्यम से व्यक्ति को प्राकृतिक उपायों से निरोग रखने में सहायता मिलती है। 
डाॅ लोकेश ममगई ने कहा कि भगवान धनवन्तरि आरोग्य, स्वास्थ्य एवं आयु के आराध्य देव हैं। उन्होंने आयुर्वेद के द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव पर भी प्रकाश डाला।
वैद्य राम कुमार बिन्दल ने इस अवसर पर वर्तमान समय में आयुर्वेद की सार्थकता विषय पर प्रकाश डाला। 
डाॅ. करूणेश ने कोविड-19 महामारी से बचाव के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। 
हैप्पी योग ग्रुप कोटलानाला द्वारा इस अवसर पर योग के माध्यम से कोविड-19 महामारी से बचाव के बारे में जानकारी प्रदान की गई।    
इस अवसर पर आयुर्वेदिक चिकित्सक, गणमान्य व्यक्ति, पैरामेडिकल कर्मचारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।