सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने टावर लगाने वाली राइट ऑफ वे पॉलिसी 2021 संशोधित कर दी है। शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत नक्शों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट की शर्त लगा दी है। अब टेलीकॉम ऑपरेटरों के टावर लगाने के ऑनलाइन आवेदन भी 60 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं रहेंगे।

हिमाचल प्रदेश में स्वीकृत नक्शों और स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट वाले भवनों पर ही मोबाइल फोन टावर लगेंगे। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने टावर लगाने वाली राइट ऑफ वे पॉलिसी 2021 संशोधित कर दी है। शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत नक्शों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट की शर्त लगा दी है। अब टेलीकॉम ऑपरेटरों के टावर लगाने के ऑनलाइन आवेदन भी 60 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं रहेंगे। प्रधान सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी डॉ. रजनीश की ओर से सोमवार को राजपत्र में इस बाबत अधिसूचना जारी की गई है। संशोधित पॉलिसी के तहत शहरी नगर निकायों, टीसीपी क्षेत्रों और स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत आने वाले क्षेत्रों के उन भवनों की छतों पर टावर लग सकेंगे, जिन्होंने भवन की सबसे ऊपरी मंजिल का नक्शा भी स्वीकृत करवाया गया होगा।