जानवर और इंसानों के बीच का कनेक्शन काफी गहरा है. इंसान कई बातों के लिए जानवरों पर निर्भर है. चाहे दूध हो या कोई काम. अलग-अलग जानवरों का इंसान की लाइफ में अलग पर्पस होता है. जानवर कभी इंसानों की मदद करने से पीछे नहीं हटते. ऐसे में इंसान की भी जिम्मेदारी बनती है कि वो थोड़ी समझदारी से उनसे काम ले. इसमें जानवरों को नुकसान या तकलीफ नहीं होनी चाहिए. लेकिन थाईलैंड (Thailand) में रहने वाले 32 साल के सुपचै वोंगफैड (Supachai Wongfaed) को शायद ये बात समझ नहीं आई. इसी का नतीजा रहा कि आज वो जिंदा नहीं है.
बीते दिनों थाईलैंड में रहने वाले सुपचै पर उसके हाथी ने ही हमला कर उसकी जान ले ली. हाथी से सुपचै भीषण गर्मी में काम करवा रहा था. बताया जा रहा है कि काम करने से हाथी को दिक्कत नहीं थी. दिक्कत थी ज्यादा काम करवाने से. दरअसल, घटना वाले दिन वहां तेज गर्मी पड़ रही थी. इसी में सुपचै हाथी से काफी ज्यादा लकड़ियां ढोने का काम ले रहा था. गर्मी और बोझ की वजह से हाथी को गुस्सा आ गया और उसने सुपचै की जान ले ली.
टस्क से चीर डाली बॉडी
हमला करने वाले हाथी का नाम पॉम पॉम बताया जा रहा है. उसने अपने मालिक सुपचै को अपने टस्क से चीर डाला. बताया जा रहा है कि गर्मी में काम करवाए जाने की वजह से सुपचै को काफी गुस्सा आ गया था. पुलिस को पहांग नगा के रबर प्लांटेशन में बुलाया गया था. 18 अगस्त को जब पुलिस वहां पहुंची, तो पाया कि सुपचै की बॉडी खून से लथपथ पड़ी थी. पॉम पॉम की उम्र बीस साल है और वो जंगल में रबर की लकड़ियों की ढुलाई करता था. इसी दौरान उसने सुपचै पर अटैक कर उसकी जान ले अलग होते हैं ढुलाई के हाथी
एशियन हाथियों को जंगल में लकड़ी की ढुलाई के लिए जाना जाता है. ये जंगल में काम लेने के लिए पाले जाते हैं. इनसे काफी ज्यादा काम लिया जाता है. 1989 में इन्हें पालने और इनसे काम लेने पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन इसके बाद भी आज तक इन्हें एरियाज में पाला जाता है और इनसे लकड़ी उठवाई जाती है. इन दिनों थाईलैंड में भीषण गर्मी पड़ रही है. इसी गर्मी में काम करवाए जाने से पॉम पॉम को गुस्सा आ गया और उसने सुपचै को आधे हिस्से में चीर दिया.