हिंदू अविभाजित परिवार के बंटवारे के समय एक मां अपने बेटों को शेयर कैसे ट्रांसफर कर सकती है?

भारत में हिंदू अविभाजित परिवार यानी एचयूएफ (HUF) में संपत्ति बंटवारे से लेकर टैक्स के मामले में बहुत सारे अलग कानून हैं. इन्ही कानूनों के तहत संयुक्त परिवार के बंटवारे के समय परिवार के सदस्यों को हिस्सेदारी मिलती है. इसी तरह एक सवाल अक्सर सामने आता है कि अगर HUF के पास शेयर हैं और परिवार का बंटवारा हो रहा है तो इन शेयरों को किस आधार पर बांटा जाएगा. शेयर बेटों के नाम कैसे ट्रांसफर होंगे.

एक एचयूएफ कुछ शर्तों के अनुसार अपने मैंबर्स को लोन भी दे सकता है.

एचयूएफ के मामले में यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एचयूएफ का बंटवारा एचयूएफ की संपत्तियों के विभाजन के बाद हो सकता है. एचयूएफ के विभाजन को प्रभावी बनाने के लिए यह जरूरी होता है कि सभी सदस्यों की इसमें सहमति हो. शेयर के मामले में, शेयरों पर बेटे का अधिकार दर्ज करने के लिए पहले एक इससे संबंधित पात्रता वाला पेपर तैयार करा लेना चाहिए. फिर एचयूएफ द्वारा रखे गए शेयरों को बेटे को वितरित / स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

हिंदू अविभाजित परिवार या एचयूएफ 
जब एक पूर्वज से बढ़े परिवार के सदस्य एक समूह बनाते हैं, तो इसे हिंदू अविभाजित परिवार या एचयूएफ कहा जाता है. हिंदुओं, जैन, बौद्ध और सिख एक परिवार इकाई बना सकते हैं. हिंदू अविभाजित परिवार बनाने के लिए अपनी संपत्ति को एक साथ इकट्ठा कर सकते हैं. 1917 में हिन्दू अविभाजित परिवार को एक अलग कर योग्य इकाई के रूप में पहचाना गया था.

जब कोई महिला किसी HUF के किसी सह-साझेदार से विवाह करती है तो वह भी स्वत: HUF की सदस्य बन जाती है. इस तरह महिलाओं के पास दो HUF में अधिकार मिलते हैं. पहला- वे अपने पिता के HUF में एक सह-साझेदार होती हैं और विवाह के बाद अपने पति के HUF में एक सदस्य बन जाती हैं.

एचयूएफ के अन्य फायदे
एचयूएफ को व्यक्ति मान कर उसे बेसिक टैक्स छूट प्राप्त है. इसे इसके सदस्यों से अलग माना जाता है और इसका अलग पैन कार्ड होता है. एक एचयूएफ के सदस्यों को एचयूएफ से प्राप्त आय की किसी भी राशि पर टैक्स से पूरी छूट प्राप्त होती है, जहां HUF की आय में से राशि का भुगतान किया गया हो.

लोन और इंश्योरेंस
एक एचयूएफ कुछ शर्तों के अनुसार अपने मैंबर्स को लोन दे सकता है. इसके अलावा, एक HUF आवासीय संपत्ति खरीदने के लिए होम लोन का भी लाभ उठा सकता है. लोन चुकाने के लिए और उस पर दिए गए ब्याज के लिए आईटी अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर लाभ प्राप्त कर सकता है.