मंडी, 22 अगस्त : शनिवार को जनपद में बारिश ने रौद्र रूप में आकर कहर बरपाया। भयावक विपदा में एक वीरांगना की बहादुरी भी चर्चा में है। खुद की जान देकर सास, बेटे व बेटी को बचा लिया।
सराज के क्योली में बादल फटने की घटना हुई। इसमें परिवार को बचाने के लिए पुष्पा अंतिम सांस तक लड़ती रही। हादसे के वक्त पति व ससुर घर पर नहीं थे। मलबे व पानी की चपेट में आए घर से पुष्पा ने जान की परवाह के बगैर ही बेटे के अलावा सास को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
जैसे ही दोबारा घर के भीतर दाखिल हुई, इसी दौरान घर गिर गया। वो मलबे के साथ बाढ़ के पानी की चपेट में आ गई। घंटों बाद पुष्पा का शव बरामद कर लिया गया। घर पर पति के अलावा ससुर भी नहीं थे। सास व बहू को मकान पर मलबा गिरने का अंदेशा हुआ था। लिहाजा पुष्पा ने हिम्मत कर तीनों को सुरक्षित निकाल लिया।
बहादुर महिला पुष्पा घर के भीतर दोबारा क्यों दाखिल हुई थी, इसका तो पता नहीं चल पाया है। शुक्रवार व शनिवार की बारिश ने जनपद में ऐसा कहर बरपाया है, जिसके जख्म ताउम्र नहीं भरे जा सकेंगे।
भूस्खलन की घटनाओं में 24 से 48 घंटे के भीतर 12 की मौत की खबर सामने आई थी। गौहर उपमंडल में पंचायत प्रधान के घर पर गिरे पहाड़ से 8 सदस्यों की मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था। मां से लिपटे बच्चों के शव जैसे ही मलबे से बाहर निकले तो वहां मौजूद लोगों की आंखें ही नम नहीं हुई, बल्कि आंखों से अश्रु बहने लगे।