नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हवाई अड्डे की साइट को मंजूरी मिलने के 12 दिन के भीतर ही भारत सरकार के उपक्रम वैपकास ने हवाई अड्डे की अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। तीस विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात काम कर इस डीपीआर को बनाया है। इसी सप्ताह यह राज्य सरकार को सौंपी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आचार संहिता से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह अंतरराष्ट्रीय ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाने की तैयारी में हैं। 20 जुलाई को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हवाई अड्डे की साइट को मंजूरी मिलने के 12 दिन के भीतर ही भारत सरकार के उपक्रम वैपकास ने हवाई अड्डे की अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। तीस विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात काम कर इस डीपीआर को बनाया है। इसी सप्ताह यह राज्य सरकार को सौंपी जाएगी।
इसके बाद डीपीआर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजी जाएगी ताकि पूरे प्रोजेक्ट की अंतिम लागत तय हो सके। सूत्रों के अनुसार इस डीपीआर में पूरे प्रोजेक्ट की लागत दस से पंद्रह फीसदी तक बढ़ी है। पहले 7,500 करोड़ के आसपास की लागत बताई जा रही थी लेकिन अब करीब 9,000 करोड़ के बीच लागत बैठेगी। यह भूमि अधिग्रहण, सुकेती खड्ड के चैनेलाइजेशन से लेकर एयरपोर्ट के अधोसंरचना की संपूर्ण लागत होगी। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है। अब चुनावों से पहले हवाई अड्डे का शिलान्यास करवाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है।
23 जुलाई को केंद्रीय मंत्री से मिले थे सीएम
मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में 23 जुलाई को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भेंट करके उन्हें मंडी में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के लिए राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया था। उन्होंने क्षेत्र में सुकेती खड्ड का प्राथमिकता के आधार पर तटीकरण करने का आग्रह किया था, जिससे हवाई अड्डे की डीपीआर के कार्य में तेजी लाने में सहायता मिल सके। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की एजेंसी वैपकास के अधिकारियों को 10 अगस्त के पहले डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए थे।
हो चुकी है मार्किंग, लग चुकीं बुर्जियां
मंडी जिले के बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सीमा की मार्किंग के लिए राजस्व मुहाल छातड़ू में पक्की बुर्जियां लगाई जा चुकी हैं। ओएलएस और लिडार सर्वे पूरे हो चुके हैं। हवाई अड्डा निर्माण स्थल से जो विभाग प्रभावित हो रहे हैं, प्रशासन ने उन विभागों की संपत्तियों का ब्योरा मांगा था। इसका ब्योरा प्रशासन को मिल गया है। इसमें शिक्षा विभाग के तीन स्कूल जद में आने हैं, जिन्हें स्थानांतरित करने के लिए विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। लोक निर्माण विभाग की सड़कों, जलशक्ति विभाग की जल योजनाओं का भी आकलन तैयार किया जा चुका है।
644 एकड़ भूमि पर बनेगा हवाई अड्डा
3,150 मीटर होगा रनवे, धुंध में भी उतर सकेगा विमान
बल्ह और नाचन क्षेत्र के आएंगे पांच राजस्व मुहाल
2,862 की आबादी एयरपोर्ट निर्माण से होगी प्रभावित
589 आवासीय और व्यापारिक भवन आ रहे जद में
सरकार के निर्देशों के बाद दस दिन के भीतर सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजे जानी वाली डीपीआर तैयार है। इसी सप्ताह में यह डीपीआर राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। निर्माण लागत भी बढ़ सकती है। पूर्व प्रोजेक्ट के तहत इस डीपीआर में कोई विशेष बदलाव नहीं किए गए हैं। – आरके अग्रवाल, सीएमडी वैपकास