ऊना. बंगाणा उपमंडल के तहत पड़ते तलमेहड़ा स्थित ध्योमेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण माह के तीसरे सोमवार को मेले का आयोजन किया गया. रविवार रात से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था जिसके चलते हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में उमड़े रहे. रात भर मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ के नाम का जागरण चलता रहा जबकि आधी रात से ही भगवान भोलेनाथ के अभिषेक के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की लाइन लगना शुरू हो गई थी.
बता दें कि वर्ष 1937 में सामने आए इस मंदिर का जीर्णोद्धार होने के साथ-साथ लगातार विकास जारी है. मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं की हर सुख सुविधा का भी ध्यान रखा जा रहा है. जबकि विभिन्न अलंकर संस्थाओं द्वारा भोजन से लेकर फल दूध आदि के लंगर भी मंदिर परिसर और आसपास क्षेत्रों में लगाए गए हैं.
श्रावण माह के तीसरे सोमवार को बंगाणा उपमंडल के तहत पड़ते तलमेहड़ा स्थित ध्योमेश्वर महादेव मंदिर में सप्ताहिक मेले का आयोजन किया गया. मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान रविवार रात को जहां जागरण का आयोजन किया गया. वहीं सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान महादेव का अभिषेक कर पूजा अर्चना की. मंदिर के पुजारी राकेश शर्मा ने बताया कि मद्रास के सेशन जज को वर्ष 1937 में इस स्थान पर भगवान शिव का मंदिर होने के संबंध में स्वप्न आया. उसी स्वपन के आधार पर उन्होंने इस मंदिर की खोज की जिसके बाद इस मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार शुरू हुआ.
पंजाब के जालंधर से आए श्रद्धालु सनी शर्मा ने बताया कि उनके पिता करीब 35 वर्ष पूर्व इस मंदिर से जुड़े थे और उनका लगातार श्रावण माह के तीसरे रविवार को मंदिर परिसर में फलों के भंडारे का कार्यक्रम रहता है. उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थल कि उनके और उनके परिवार के ऊपर बहुत कृपा है. वहीं दूसरी तरफ स्थानीय निवासी रमेश शर्मा ने बताया कि 25 वर्षों से वह इस मंदिर से जुड़े हैं. भगवान भोलेनाथ की कृपा से यहां लगातार मेला चल रहा है.
वहीं हमीरपुर के सुभाष चंद्र ने कहा कि वह भी कई सालों से श्रावण माह में इस मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक और पूजन अर्चना करने के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान महादेव की कृपा से इस घने जंगल में मेला लगा है. उन्होंने कहा कि करीब 15 साल से वह इस मंदिर में आ रहे हैं और हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार आते हैं. उनकी मनोकामना भी पूर्ण होती है.