लोगों को घर-द्वार स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत आशा वर्करों की नियुक्ति होगी। 800 की आबादी पर एक आशा वर्कर की तैनाती की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में अब शहरी क्षेत्रों में भी आशा वर्करों को तैनात किया जाएगा। प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही 780 वर्करों की भर्ती की जाएगी। ये सभी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) के अधीन सेवाएं देंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही 7,964 आशा वर्कर सेवाएं दे रही हैं। लोगों को घर-द्वार स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत आशा वर्करों की नियुक्ति होगी।
800 की आबादी पर एक आशा वर्कर की तैनाती की जाएगी। इन्हें प्रदेश सरकार की ओर से 4,700 रुपये जबकि केंद्र सरकार से 2,000 रुपये मासिक मानदेय मिलता है। गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाने पर 300 रुपये और वापस घर लाने पर 300 रुपये इन्सेंटिव दिया जाता है। टीबी, टीकाकरण और किशोरियों को लेकर एनएचएम की ओर से कराए जाने वाले कार्यक्रमों में भी इन्हें इन्सेंटिव दिया जाता है।
हिमाचल के शहरी क्षेत्रों मेें भी आशा वर्करों की तैनाती की जाएगी। ऐसा पहली बार किया जा रहा है। ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में भी आशा वर्करों की जरूरत है। केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है।
– सुभाशीष पंडा, प्रधान सचिव स्वास्थ्य