शिमला. हिमाचल प्रदेश में इस साल मौसम ने जमकर कहर बरपाया है. मानसून के सीजन के साथ ही कई लोगों की मौत हो गई है, सैकड़ाें की संख्या में लोग घायल हैं और कई लोग लापता भी हैं. इसी के साथ तेज बारिश, लैंडस्लाइड और बाढ़ ने करोड़ाें रुपये की संपत्ति का भी नुकसान किया है.
सरकारी आंकड़ाें के अनुसार प्रदेश में 29 जून से लेकर अब तक 141 लोगों की खराब मौसम के चलते मौत हो गई है, वहीं 564 लोग घायल हुए हैं. 13 लोग ऐसे भी हैं जो लापता हैं. राज्य आपदा प्राधिकरण और राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इन मौतों के अलावा प्रदेश को 538 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है. लोक निर्माण विभाग को 323 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 201 करोड़ से ज्यादा के नुकसान का आंकलन किया गया है. कुल नुकसान का आंकलन अभी भी किया जा रहा है.
शिमला में सबसे ज्यादा मौत
शिमला जिले में सबसे ज्यादा 22 लोगों की जान गई है, कुल्लू में 21, चंबा में 17, कांगड़ा में 12, मंडी में 17, सिरमौर में 12 और मंडी जिले में 17 लोगों की जान गई है. इसके अलावा बिलासपुर में 6, हमीरपुर में 8, किन्नौर में 3, लाहौल-स्पीति में 6, सोलन में 9 और ऊना जिले में 8 लोगों की जान गई है. इनमें से अधिकतर मौतें खराब मौसम के चलते हुए हादसों में हुई है. कुल्लू में 5, चंबा में एक और ऊना जिले में 7 लोग लापता हैं. इसके अलावा 104 मवेशियों की मौत हुई है. 25 पक्के और 50 कच्चे मकान भी मानसून की भेंट चढ़ गए हैं. 163 कच्चे और 50 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं.
फ्लैश फ्लड और बादल फटने से नुकासान
प्रदेश के कई हिस्सों में फ्लैश फ्लड और बादल फटने से काफी नुकसान हुआ और कुछ इलाकों में अब भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. प्रदेश में 5 अगस्त तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है. प्रदेश के सभी हिस्सों में बारिश और कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 5 अगस्त तक प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है. पर्यटकों और स्थानीय लोगों से एतियात बरतने की अपील की गई है. नदी नालों से दूर रहने और अनवाश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है.