अक्षर पटेल ने कैसे अपनी कमजोरी को ही बना लिया सबसे बड़ी ताकत, रिकी पोटिंग ने किया खुलासा

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने खुलासा किया कि कैसे अक्षर पटेल ने कुछ मामूली बदलाव के साथ अपनी बल्लेबाजी को बेहतर कर लिया। अक्षर हार ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में दमदार खेल का प्रदर्शन किया था।

दुबई: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने खुलासा किया कि किस तरह से दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते समय किए गए ‘मामूली तकनीकी बदलावों’ से अक्षर पटेल को भारत का प्रभावी बल्लेबाज बनने में मदद मिली है। पोंटिंग को उम्मीद है कि अक्षर आगामी आईपीएल में भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखेंगे। अक्षर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में चार मैचों में तीन अर्धशतक की मदद से 264 रन बनाए और वह विराट कोहली (297 रन) के बाद भारत की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज रहे।

पोंटिंग ने ‘आईसीसी रिव्यू’ में कहा, ‘मैं अक्षर को लंबे समय से जानता हूं और जब मैं पहली बार मुंबई की टीम से जुड़ा था तो वह टीम में शामिल एक युवा खिलाड़ी था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं जानता था कि उसमें बल्लेबाजी कौशल है लेकिन पिछले दो वर्षों को छोड़कर वह आईपीएल या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कौशल नहीं दिखा पा रहा था।’

पोंटिंग ने कहा, ‘हमने उसकी बल्लेबाजी में थोड़े बदलाव किए। हमने उसके कूल्हों और कंधों की स्थिति में मामूली बदलाव किए जिससे उसे दाएं हाथ के तेज गेंदबाजों और शार्ट पिच गेंदों को खेलने में मदद मिली। इससे पहले शार्ट पिच गेंदें उसकी कमजोरी हुआ करती थी।’

अक्षर ने 2013 में मुंबई इंडियंस की तरफ से आईपीएल में पदार्पण किया। इसके बाद उन्होंने पांच साल तक किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेलकर अपने खेल को निखारा। वह पिछले चार सत्र से दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेल रहे हैं। पोंटिंग दिल्ली कैपिटल्स के कोच हैं।