अमेरिका में मंकीपॉक्स से मचा हड़कंप, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात घोषित, 6600 से ज्यादा मामलों की पुष्टि

वाशिंगटन. अमेरिका ने मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. मामलों को तेजी से बढ़ते देख अमेरिका की सरकार चिंता में आ गई है. अमेरिका के स्वास्थ्य सचिव ने गुरुवार को कहा कि इस बीमारी से लड़ने के लिए अतिरिक्त धन और उपकरण मिलने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे है. बुधवार तक मंकीपॉक्स के 6,600 से भी अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव जेवियर बेसेरा ने कहा कि हम इस वायरस से निपटने के लिए अपनी प्रतिक्रिया को अगले स्तर तक ले जाने के लिए तैयार हैं. हम अमेरिका के लोगों से आग्रह करते है कि मंकीपॉक्स को गंभीरता से लें. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US Centre For Disease Control And Prevention) के निदेशक रोशेल वालेंस्की (Rochelle Walensky) ने कहा है कि मंकीपॉक्स संक्रमण पर डेटा की उपलब्धता में सुधार होगा, जो प्रतिक्रिया के लिए अति आवश्यक है.

WHO ने जताई चिंता
अमेरिका में मंकीपॉक्स फैलने से पहले यह बीमारी यूरोप में फैलनी शुरू हुई थी. चिंता इस बात को लेकर है कि टीकों और इलाज के लिए जरूरी दवाओं की आपूर्ति कम हो गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ‘अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित किया है. पिछले महीने WHO ने पैसों की फंडिंग को अनलॉक करने की बात कही थी यानी टीकों और उपचारों पर सहयोग करने के लिए धन का प्रयोग किया जाए.

1.6 मिलियन से अधिक को टीकाकरण
अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी सरकार का लक्ष्य 1.6 मिलियन से अधिक उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों का टीकाकरण करना है. इससे पहले कैलिफोर्निया, इलिनोइस और न्यूयॉर्क ने बढ़ते मामलों को देखते हुए आपात स्थिति की घोषणा की थी. जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने इस महीने दो संघीय अधिकारियों को मंकीपॉक्स के लिए अपने प्रशासन की प्रतिक्रिया का समन्वय करने के लिए नियुक्त किया

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पहली बार यह बीमारी बंदरों से फैली थी
डब्ल्यूएचओ (WHO) का कहना है कि पहली बार यह बीमारी 1958 में बंदरों से फैली थी. जिसमें बुखार, दर्द और मवाद से भरे त्वचा के घाव सहित हल्के लक्षण होते हैं. लोग दो से चार सप्ताह के भीतर इससे ठीक हो जाते हैं. यह शारीरिक संपर्क से फैलता है और शायद ही कभी घातक होता है.