बॉलीवुड इंडस्ट्री अभी ट्रोल्स के निशाने पर नंबर वन रैंक पर है. चाहे कोई भी फ़िल्म आए, किसी की भी फ़िल्म आए लोग उसे बॉयकॉट करने की मांग करने लगते हैं. सोशल मीडिया पर #BoycottBollywood का ट्रेन्ड चल पड़ा है.
हाल ही में आई आमिर ख़ान (Aamir Khan) और करीना कपूर ख़ान (Kareena Kapoor Khan) की लाल सिंह चड्ढा भी बॉयकॉट (#BoycottLaalSinghChaddha) ट्रेंड का शिकार हुई. फ़िल्म की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही. आमिर ख़ान ने भी इस ट्रेन्ड पर अपनी राय रखी थी.
अक्षय कुमार की पिछली दो फ़िल्मों- रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) और पृथ्वीराज (Prithviraj) को भी अलग-अलग वजहों से बॉयकॉट करने की मांग की गई. ट्रोल्स ने रक्षा बंधन की राइटर के पुराने ट्वीट्स को हिन्दू विरोधी बताया और फ़िल्म को बॉयकॉट किया. अक्षय कुमार ने रक्षा बंधन को अपनी करियर की सबसे बेहतरीन फ़िल्म बताया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बॉयकॉट का कोई सेन्स नहीं बनता क्योंकि फ़िल्में भी किसी देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाने में मदद करती हैं.
अर्जुन कपूर ने बॉयकॉट ट्रेन्ड पर तोड़ी चुप्पी
अर्जुन कपूर की एक विलेन रिटर्नस (Ek Villain Returns) भी बॉयकॉट बॉलीवुड ट्रेन्ड की भेंट चढ़ गई. अर्जुन कपूर ने इस ट्रेन्ड पर अपनी राय रखी है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अब तक चुप्पी साधना बहुत बड़ी गलती थी और लोगों ने अच्छाई का फ़ायदा उठाया. ‘इशकज़ादे’ अभिनेता ने ये भी कहा कि हम काम से जवाब देंगे, ऐसा सोचना भी एक ग़लती थी.
‘अब ज़्यादा होने लगा है… Unfair है’
अर्जुन कपूर ने कहा, ‘अपने हाथ गंदे करना ठीक नहीं लेकिन हमने अब तक बहुत बर्दाशत किया और लोगों की अब आदत हो गई है. हमें एकजुट होकर कुछ करना पड़ेगा क्योंकि जो लोग लिखते हैं, या डो हैशटैग ट्रेन्ड करते हैं वो सच्चाई नहीं है. हम जो फ़िल्में करते हैं और वो बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा प्रदर्शन करती है वो हमारे सरनेम की वजह से नहीं करती बल्कि फ़िल्म की वजह से करती हैं.’ अर्जुन कपूर ने ये भी कहा कि अब ज़्यादा हो रहा है और ये सब चलन ठीक नहीं है.
लोगों में शुक्रवार के दिन पहले जैसी नहीं रही?
अर्जुन कपूर ने इंटरव्यू में आगे कहा कि शुक्रवार की सबुह एक नई फ़िल्म को लेकर लोगों में एक्साइटमेंट होती थी, रोमांच होता था वो अब नहीं रहा. इंडस्ट्री की चमक भी फिकी पड़ रही है. अर्जुन कपूर ने कहा, ‘लगातार कीचड़ उछालते जाएंगे तो नई गाड़ी भी थोड़ी सी शाइन खो देगी न? हमने तो काफ़ी कीचड़ झेल लिया है पिछले कुछ सालों में क्योंकि हम उधर ध्यान हीं दते. हमें लगता है कि एक नई फ़िल्म रिलीज़ होने के बाद लोगों की सोच बदलेगी.’
क्या आप अर्जुन कपूर के विचारों से सहमत हैं? क्या बॉलीवुड का बॉयकॉट करने से देश को, फ़िल्म इंडस्ट्री को कोई लाभ होगा? कमेंट बॉक्स में अपनी राय दें.