आज बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल का आखिरी दिन, शाम 7 बजे देश को करेंगे संबोधित

नई दिल्लीः राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार छोड़ने से पहले 24 जुलाई को राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने देश के नागरिकों से महात्मा गांधी की शिक्षाओं और आदर्शों का पालन करने और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह किया.

भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार छोड़ने से पहले रामनाथ कोविंद ने 24 जुलाई को राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. (Photo: Twitter/@rashtrapatibhvn)

बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज शाम 7 बजे देश को आखिरी बार संबोधित करेंगे. उनका कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है.

उनके भाषण का आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर पहले हिंदी में और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारण होगा. राष्ट्रपति के संबोधन का हिंदी और अंग्रेजी में प्रसारण किए जाने के बाद दूरदर्शन के सभी क्षेत्रीय चैनलों द्वारा इसे क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा. वहीं, आकाशवाणी अपने क्षेत्रीय नेटवर्क पर संबोधन को क्षेत्रीय भाषाओं में रात 9ः30 बजे से प्रासरित करेगा.

रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. आज उनका 5 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश की 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी. वह देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल थीं. आज राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और देश के पूर्व राष्ट्रपतियों की कुछ दुर्लभ तस्वीरों और इतिहास को सामने लाने वाली तीन किताबों का इस दौरान विमोचन होगा. कार्यक्रम में निवर्तमान राष्ट्रपति कोविंद, निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल होंगे.

इन तीन पुस्तकों का होगा विमोचन

पहली पुस्तक, ‘मूड्स, मोमेंट एंड मेमोरीज’ का विमोचन होगा. इसमें 1950 से 2017 तक के राष्ट्रपतियों की विजुअल हिस्ट्री है.

दूसरी पुस्तक, ‘द फर्स्ट सिटिजन’ में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल का सचित्र रिकॉर्ड है.

तीसरी पुस्तक, ‘इंटरप्रेटिंग जियोमेट्री फ्लोरिंग ऑफ राष्ट्रपति भवन 1912’ में भारत के वायसराय के निवास के लिए सर एडविन लुटियन द्वारा डिजाइन किए गए फर्श पैटर्न का एक अनूठा भंडार है.