सोलन की नकदी फसल टमाटर है और यहाँ के किसानों की आर्थिकी टमाटर की फसल पर ही आधारित है | इस बार सोलन में टमाटर की बम्पर फसल है और किसानों को टमाटर के मुँह मांगे दाम मिल रहे है | जिसके चलते सोलन के किसान बेहद खुश है | शुरूआती दौर में टमाटर की कीमतें बेहद कम थी लेकिन अब टमाटर की कीमतों में दस गुणा उछाल आ चुका है |
पहले टमाटर की क्रेड केवल 100 रूपये तक ही बिक रही थी लेकिन अब यह क्रेड करीबन 1000 रूपये तक की बिक रही है | पिछले वर्ष सोलन के टमाटर ने सेब का मुकाबला किया था इस बार फलों के राजा आम को कीमतों में पीछे छोड़ दिया है | आम प्रति किलो 40 तो टमाटर 6 0 रूपये तक बाज़ार में बिक रहा है |
सोलन एपीएमसी सचिव आर के शर्मा ने बताया कि सोलन के टमाटर को लाल सोना कहा जाता है आज इसका नाम सार्थक नज़र आ रहा है क्योंकि किसानों को उनकी टमाटर की फसल के मुहं मांगे दाम मिल रहे है | उन्होंने कहा कि सोलन में आम तो नहीं उगता लेकिन सोलन के किसानों के टमाटर कीमतों में न केवल आम को टककर दे रहा है बल्कि आम की फसल से भी ज़्यादा मुनाफा सोलन के किसानों को हो रहा है |
यही कारण है कि कोरोना के इस संकट में भी किसानों की आमदनी पर कुछ असर नहीं पड़ा है | उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए प्रभावी नियमों के कारण यह सब सम्भव हो पाया है और सभी के संयुक्त प्रयासों से आज सोलन का किसान और बागबान निडर हो कर सोलन सब्जी मंडी में फसल बेच रहा है |