आढ़तियों के दम पर सोलन में चल रही ईनाम योजना ,किसानों को ईनाम की नहीं कोई जानकारी

21 अप्रैल 2016 को नागरिक सेवा दिवस पर नई दिल्ली में  सोलन की सब्जी मंडी को प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त हो चुका है | इसे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत आरम्भ किया था |  प्रथम चरण में सोलन स्थित फल एवं सब्जी मंडी को विभिन्न कृषि एवं बागवानी उत्पादों के ऑनलाइन विक्रय के लिए चुना   गया था।जिसमे सोलन की मंडी को सर्व श्रेष्ठ आँका गया था |  ई-नाम का मुख्यउदेश्य देश की सभी मंडियों को आपस में जोड़ना था ताकि किसान अपनी फसल अच्छे दामों में देश के किसी भी कोने में बेच सके | गौर तलब है कि सोलन की सब्जी मंडी को इस लिए पुरस्कार मिला था क्योंकि किसानों ने सबसे ज़्यादा अपनी फसल ऑनलाइन माध्यम से बेचीं थी | लेकिन जब हमने इस बारे में मंडी के आढ़तियों से पुछा तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए | 

नरेंद्र ठाकुर ,रमेश ठाकुर रोशन शर्मा ,सुनील ठाकुर ,विकी चौहान आढ़तियों ने खुलासा किया कि यहाँ जितने भी किसान बागबान आते है वह ईनाम योजना से नहीं बल्कि उन्हें अपनी फसल बेचते है  उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एपीएमसी उन पर दवाब बनाता है कि रोज़ होने वाली खरीद का करीबन 40 प्रतिशत लेनदेन ने  ईनाम के माध्यम  से करना होगा | इस लिए वह प्रत्येक दिन ईनाम के माध्यम से लेनदेन कर रहे है | उन्होंने दावा किया कि सोलन के किसान को ईनाम योजना के बारे में जानकारी तक नहीं है और यह योजना केवल कागज़ों में चल रही है और आढ़तियों के दम  पर ही इसे कई वर्षों से चलाया जा रहा है | 
आप को बता दें कि यह योजना किसानों के लिए चलाई गई थी कि जब भी किसान अपनी फसल लेकर मंडी में आए तो वह सबसे पहले गेट पर आ कर फसल की सूचना देगा उसके बाद  लैब में उसकी ग्रेडिंग होगी  और फिर उसे ऑनलाइन बोली कर बेचा जाएगा | जिसके चलते तुरंत ही किसान को उसका भुगतान हो जाएगा | जब इस बारे में हमने गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मी से इस बारे में पुछा तो उन्होंने बताया कि वह तीन माह से यहाँ अपनी सेवाएं दे रहे है लेकिन उन्हें ईनाम के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही गेट पर कोई ईनाम के पंजीकरण के लिए कोई बैठता है | 
दूसरी मंजिल पर स्थित है ईनाम की लैब 
वहीँ जब  मंडी में दूसरी मंजिल पर बनी लैब में कार्यरत कर्मचारी से इस बारे में पुछा तो उन्होंने बताया कि जैसे ही किसान मंडी पर पहुंचता है तो गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मी उसकी फलस के बारे में विस्तार से जानकारी लेकर उन्हें देता है जहाँ किसान अपनी फसल लेकर पहुंचता है और ग्रेडिंग की जाती है और उसके बाद उसकी ऑनलाइन बोली लगाई जाती है और इस बोली में सोलन  सब्जी मंडी के आढ़ती ही भाग लेते है | जो भी अधिक बोली देता है उसे फसल बेच दी जाती है और  किसानों को पैसा उपलब्ध करवा दिया जाता है | 
भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारी मदन ठाकुर ने भी ईनाम योजना की खोली पोल 
  भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारी मदन ठाकुर  ने  भी इस बात की पुष्टि की है कि ईनाम योजना केवल कागज़ों में चल रही है |   उन्होंने कहा कि वह किसान है उन्हें भी आज तक यह नहीं पता कि आखिर ई  बोली लगाने का स्थान सोलन सब्जी मंडी में कहा है | वह कहाँ जा कर ऑनलाइन अपनी फसल बेच सकते है | ऑनलाइन फसल बेचने की क्या प्रक्रिया है | उन्होंने माना कि ईनाम योजना जो किसानों के लिए चलाई गई है उसका किसानों को कोई भी फायदा नहीं हो रहा है |