इंडियन बैंक के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, बैंक ने एफडी पर ब्याज दर बढ़ाई, चेक करें नए रेट

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में वृद्धि से जहां एक तरफ लोन महंगा होता जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर ब्याज दरें बढ़ने से लोगों को फायदा मिल रहा है. इस कड़ी में इंडियन बैंक का भी नाम शामिल हो गया है. बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम के फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर ब्याज दर को बढ़ा दिया है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार नई दरें 4 अगस्त 2022 से लागू हो गई हैं.

गौरतलब है कि इंडियन बैंक ने यह वृद्धि केवल एक साल की मैच्योरिटी अवधि वाली एफडी के लिए की है. बैंक फिलहाल 7 दिनों से 5 साल की एफडी की पेशकश करता है. अब इंडियन बैंक के आम ग्राहकों को 2.80 फीसदी से 5.60 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को 3.30 फीसदी से 6.10 फीसदी तक का ब्याज मिलेगा. साथ ही बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट, शॉर्ट टर्म डिपॉजिट और मनी मल्टीप्लायर पर 10 करोड़ से अधिक की राशि पर सालाना 0.50 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज देगा. इंडियन बैंक के अनुसार, वर्तमान ब्याज दर एनआरई टर्म डिपॉजिट, टैक्स सेवर स्कीम और कैपिटल गैन स्कीम पर भी लागू होगी.

देखें बैंक की ब्याज दरें
इंडियन बैंक अब 7 से 29 दिन के एफडी पर 2.80 फीसदी और 30 दिन से 45 दिन के एफडी पर 3 फीसदी का ब्याज देगा. बैंक 45 से 90 दिनों के एफडी पर 3.25 फीसदी और 91 से 120 दिन की एफडी पर 3.50 फीसदी का ब्याज देगा. 121 से 180 दिनों के एफडी पर 3.75 फीसदी और 181 दिनों से 9 महीने की एफडी के लिए ग्राहकों को 4 फीसदी का ब्याज मिलेगा. इंडियन बैंक 9 महीने से लेकर 1 साल से कम की समयावधि के लिए 4.40 फीसदी और 1 साल से 5 वर्ष तक की एफडी पर 5.30 फीसदी ब्याज देने का फैसला किया है. ग्राहकों को 1 से 2 साल तक के लिए एफडी पर 5.40 फीसदी 2 से 3 साल की एफडी पर 5.50 फीसदी और 3 से 5 साल की एफडी पर 5.60 फीसदी का ब्याज मिलेगा. आपको बता दें कि उपरोक्त सभी ब्याज दरों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त 0.50 फीसदी का ब्याज जोड़ा जाएगा.

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रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई पर काबू पाने के लिए शुक्रवार को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी हो गई है. प्रमुख ब्याज दरों में आरबीआई की वृद्धि के बाद सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन, रिटेल लोन के साथ एफडी पर भी ब्याज दरों को और बढ़ा सकते हैं. गौरतलब है कि रेपो रेट वह न्यूनतम दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को उधार देता है.