इंडिया को डिजिटल बनाने के लिए व दूरसंचार क्रांति लाने में स्वर्गीय राजीव गांधी की अहम भूमिका :डॉ राकेश

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी की 78 वीं जयंती के अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस जोगिंदर नगर के अध्यक्ष डॉ राकेश धरवाल की अध्यक्षता में अपने प्रिय नेता को याद किया गया और उनकी तस्वीर पर श्रद्धा सुमन चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। डॉ राकेश ने कहा कि श्रीमति इंदिरा गांधी के हत्या के बाद 1984 से 1989 तक वह भारत के प्रधानमंत्री रहे।

इस दौरान भारत में टेलीकॉम, कंप्यूटर, मिसाइल तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हुए। देश भर में नवोदय स्कूलों जेएनवी और इग्नू इग्नू की स्थापना प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सबसे यादगार उपलब्धि रही है। इन दोनों केंद्रीय संस्थानों से देश के निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों खासकर ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों और कामकाजी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने में जो उल्लेखनीय सहायता मिली उसकी कोई दूसरी मिसाल बाद के सरकारों द्वारा अब तक नहीं कायम नहीं किया जा सकी है।

चूंकि राजीव गांधी स्वयं एक युवा थे, इसलिए उन्होंने युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए। राजीव गांधी के कार्यकाल में संविधान का 61वां संशोधन अधिनियम 1989 में पारित किया गया था, जिसमें मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई थी। इस कदम ने युवाओं को राज्यों में लोकसभा सांसदों और विधायकों को चुनने की अनुमति दी। देश हर साल उनके जन्मदिवस 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में मनाता है।

2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज की मजबूत नींव देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने रखी थी, उस पर अधिकारों की एक शानदार इमारत खड़ी करने का काम राजीव गांधी जी ने किया था। पंचायती राज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सकें, इस सोच के साथ राजीव गांधी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त किया।

राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सफल नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। उन्होंने भारत के विकास के कई दूरदर्शी कदम उठाए। दूरदृष्टि का परिचय देते हुए राजीव गांधी ने भारत में न केवल कंप्यूटर क्रांति की शुरुआत की, बल्कि आज के इंडिया को डिजिटल बनाने के लिए दूरसंचार क्रांति लाने में भी अहम भूमिका निभाई।

डॉक्टर राकेश ने कहा कि उन जैसे महान नेता देश को फिर मिल पाना नामुमकिन है। उन्होंने न केवल भारत देश के लिए विकास की नई गाथा लिखी बल्कि अपने प्राणों की आहुति देकर हमेशा के लिए अमर हो गए। देश उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। साथ में प्रवक्ता सुरेंद्र ठाकुर, अश्वनी शर्मा पंकज ठाकुर व अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।