लाहौल स्पीति. तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है, ताकि उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हो सकें. वह रविवार को लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र के उदयपुर में साडा इंडोर स्टेडियम में हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा आयोजित रोजगार मेला के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे. तकनीकी शिक्षा मंत्री ने रोजगार प्रदाताओं के विभिन्न स्टॉलों का मुआयना किया और रोजगार मेले में उपस्थित उम्मीदवारों से बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि नौकरी तलाश करने वालों को रोजगार प्रदाता बनाना है.
डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं के कौशल विकास और सुधार के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे बेहतर तरीके से अपनी आजीविका अर्जित कर सकें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के कौशल विकास पर विशेष बल दिया है ताकि उन्हें उद्योगों की आवश्यकतानुसार और अधिक सक्षम बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे रूचि के अनुसार अपने कौशल में निखार लाएं, ताकि उन्हें लाभकारी रोजगार उपलब्ध हो सकें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेजों और अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों के माध्यम से युवाओं के कौशल उन्नयन पर बल दे रही है.
उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में 6800 से अधिक युवाओं को कैंपस साक्षात्कारों के माध्यम से नौकरी प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि वाकनाघाट में बनने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का काम प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि कौशल विकास निगम द्वारा युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम आरम्भ करने के लिए कई संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं.
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदैव युवाओं के कौशल उन्नयन पर बल दिया है, ताकि मेक इन इंडिया के संकल्प को साकार किया जा सके. उन्होंने कहा कि कौशल विकास निगम अगले कुछ वर्षों तक 50 प्रतिशत से अधिक कुशल जनशक्ति सुनिश्चित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक लंबा सफर तय करेगा. उन्होंने कहा कि निगम का प्रमुख लक्ष्य राज्य के युवाओं को नौकरी तलाश करने वालों के बजाय रोजगार प्रदाता बनाना है.