Rajasthan news :दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के उद्घाटन से पहले ही चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर दौसा जिले से गुजरने वाली सड़क की है।
इन तकनीकी खामियों के चलते नहीं टिक पाया
दरअसल यहां एक तरफ तो बाणगंगा नदी का ब्रिज और दूसरी तरफ भोजवाड़ा की पुलिया है। इस जगह पर एक्सप्रेस वे निर्माण कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पता चला है कि दोनों तरफ पुलियाएं होने के बावजूद भी निर्माण कंपनी के इंजीनियर्स की ओर से पानी निकासी की सही तरीके से व्यवस्था नहीं की। उसी का परिणाम रहा कि पिछले दिनों दौसा में आई बारिश से एक्सप्रेस वे का पानी निकल नही पाया, पानी भरा रहने के कारण एक्सप्रेसवे के एक किनारे पर दरार आ गई। इस दरार के माध्यम से पानी एक्सप्रेसवे के नीचे की मिट्टी में पहुंच गया और जब पानी को निकलने की जगह नहीं मिली तो सीमेंट की पक्की आउटर परत को भेदता हुआ बाहर निकल गया।
15 अगस्त से एक्सप्रेसवे शुरू होने की संभावना
इस दौरान सीमेंट की आउटर परत टूट गई और एक्सप्रेस वे के नीचे की मिट्टी इस क्षतिग्रस्त जगह से होकर बह गई। ऐसे में एक्सप्रेसवे के नीचे की मिट्टी बहने से अब भोजवाड़ा पुलिया के समीप एक्सप्रेस वे के नीचे की जगह खोखली हो गई जो हादसे को निमंत्रण दे रही है ,जबकि यह एक्सप्रेसवे बंद कर पूरी तरह तैयार हो गया है। ऐसे में गंभीर सवाल यह उठता है कि एनएचएआई के अफसरों ने भी प्रभावी मॉनिटरिंग से इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण क्यों नहीं करवाया जबकि एनएचएआई इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करने की तैयारी कर रही है । 15 अगस्त से यह एक्सप्रेसवे शुरू होने की संभावना है।
एक लाख करोड़ रुपए की लागत बना दिल्ली – दौसा एक्सप्रेस वे
लोगों का कहना है कि खोखले एक्सप्रेसवे का हाल उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की तरह ना हो और उद्घाटन के बाद बुंदेलखंड जैसी तस्वीर सामने नहीं आए। इसके लिये समय रहते इस तरह की तकनीकी खामियों को दूर करने की जरूरत है। आपको बता दें कि यह एक्सप्रेसवे एक लाख करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है और दौसा से दिल्ली तक बनकर तैयार हो चुका है। यह एक्सप्रेसवे भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे माना जा रहा है।