उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपनी कानून व्यवस्था को लेकर इन दिनों काफी चर्चा में है। बुलडोजर की कार्रवाई हो या अपराधियों के खिलाफ आक्रामक ऐक्शन, योगी सरकार अपराध के खिलाफ अभियान के अपने तरीकों को लेकर विपक्ष के निशाने पर भी रही और तमाम ने इसका समर्थन भी किया। 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने के बाद योगी सरकार 2.0 में कानून व्यवस्था का क्या हाल है, आइए जानते हैं।
100 दिनों की योगी सरकार 2.0 में भी अपराध के खिलाफ पुलिस काफी ऐक्टिव नजर आई है। 25 मार्च 2022 से 1 जुलाई 2022 तक के आंकड़ों के आधार पर आज तक की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि योगी सरकार 2.0 के 100 दिन के कार्यकाल में अभी तक कुल 525 एनकाउंटर किए गए हैं। इस दौरान 425 अपराधी एनकाउंटर के दौरान घायल हुए जबकि 5 बदमाश मारे भी गए। 1034 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इन एनकाउंटर्स में 68 पुलिसकर्मी घायल हुए। सबसे ज्यादा 193 एनकाउंटर मेरठ जोन में हुआ। बरेली जोन में 62, आगरा जोन में 55, लखनऊ जोन में 48, गोरखपुर जोन में 37 और नोएडा कमिश्नरी में 44 एनकाउंटर किए गए।
192 करोड़ की संपत्ति सीज
तमाम अपराधियों पर गैंगस्टर ऐक्ट के तहत संपत्ति जब्तीकरण की भी कार्रवाई की गई। 25 मार्च 2022 से लेकर जून 2022 तक कुल 192 करोड़ 40 लाख 34 हजार 528 रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इनमें कई मशहूर नाम भी शामिल हैं। जैसे- सहारनपुर के खनन माफिया और बीएसपी सरकार में एमएलसी रहे हाजी इकबालकी 127 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। मुजफ्फरनगर में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की 4 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई।
प्रयागराज के कुख्यात माफिया अतीक अहमद की 5 करोड़ की संपत्ति, गाजीपुर के मुख्तार अंसारी की गाजीपुर और मऊ में 14 करोड़ और 31 लाख की संपत्ति, भदोही में विजय मिश्रा की 4 करोड़ 11 लाख की संपत्ति, बलरामपुर में पूर्व सांसद रिजवान जहीर की 14 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है।
1645 अपराधियों की गिरफ्तारी
डीजीपी मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, 100 दिन के भीतर 2 हजार 433 बदमाश और माफिया को चिह्नित किया गया है। कुल 17 हजार 169 केस दर्ज किए गए हैं जबकि 1 645 बदमाशों की गिरफ्तारी की गई है। 134 आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर किया है। 15 के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की गई और 36 लोगों पर एनएसए लगाया गया है। 788 के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट और 618 पर गुंडा ऐक्ट लगा है। 719 पेशेवर अपराधियों की इस दौरान हिस्ट्रीशीट भी खोली गई।
इन घटनाओं पर घिरी योगी सरकार
अपराधियों के खिलाफ सख्ती के दावे के बावजूद कुछ घटनाओं ने योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। इसमें चंदौली में दबिश के दौरान पुलिस की पिटाई से युवती की संदिग्ध मौत का मामला खूब सुर्खियों में रहा। प्रयागराज में एक ही परिवार के 5 लोगों की बेरहमी से हत्या मामले में भी योगी सरकार को विपक्ष ने घेरा था। कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंसा और पथराव की घटना, 3 जून के बाद प्रयागराज, सहारनपुर, अंबेडकर नगर, मुरादाबाद समेत कई शहरों में जुमें की नमाज के बाद हिंसा की घटना ने भी कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया।