मोरबी पुल हादसे के बाद ओरेवा कंपनी के मालिकों पर भी पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में जुटी
मोरबी. मोरबी शहर की माच्छु नदी पर बने 100 साल से ज्यादा पुराने ब्रिटिशकालीन पुल के टूटने के मामले में अब इस झूलते पुल के मैनेजमेंट के लिए सरकार से कॉन्ट्रैक्ट करने वाली कंपनी ओरेवा के मालिकों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. बताया जा रहा है कि मोरबी में इसी साल मार्च महीने में मोरबी जिला प्रशासन के साथ ओरेवा कंपनी को 15 साल के लिए इस हेरिटेज ब्रिज के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी देने वाले कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर हुए थे. हर साल हेरिटेज ब्रिज की एंट्री फीस बढ़ाने का भी इन दस्तावेजों में जिक्र है.
कॉन्ट्रैक्ट के दस्तावेज में साफ लिखा है कंपनी अपनी कॉमर्शियल ब्रॉन्डिंग भी इस ब्रिज पर कर सकेगी. मार्च महीने में इस कॉन्ट्रैक्ट पर जिला प्रशासन और ओरेवा ग्रुप के बीच हस्ताक्षर होने के बाद आठ से बारह महीने के भीतर पुल का मेंटीनेंस करने और फिर उसके बाद पुल को आम जनता के लिए खोलने की बात कही गई थी. मार्च महीने में समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद सात महीने तक कंपनी ने पुल की मरम्मत का काम किया और पुल को आम जनता के लिए खोला गया. पुल को खोलने के पांचवे दिन ही यह टूट गया. अब मोरबी पुलिस ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) से ओरेवा कंपनी के बारे में जानकारी मांगी है. पुलिस ने ओरेवा कंपनी के मैनेजमेंट स्ट्रक्चर की जानकारी मांगी है.
गौरतलब है कि मोरबी में माच्छु नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज रविवार शाम को टूट गया. इस हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है. दुर्घटना स्थल पर लगातार तीसरे दिन तलाशी अभियान जारी है. इसके बाद पुलिस ने पुल के रखरखाव और प्रबंधन से जुड़े 9 लोगों को अरेस्ट किया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मोरबी के पुल हादसे की न्यायिक आयोग से जांच के लिए दायर की गई एक जनहित याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई करने को कहा है.