लक्ष्य निर्धारण- लंबी व छोटी दोनों अवधियों के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करें. यह तय करें कि आपको भविष्य में क्या हासिल करना है और उसी के अनुसार बचत व खर्च को मैनेज करें.
असेट क्लास में करें निवेश- अपनी का आय का कम-से-कम 30 फीसदी असेट क्लास में निवेश करें. असेट क्लास के उदाहरण, करेंसी, प्रॉपर्टी व स्टॉक्स आदि हैं.
लक्ष्य आधारित निवेश- आपने जो भी लक्ष्य तय किया है उसके लिए निवेश शुरू करें. उस निवेश को बिना किसी अपवाद के जारी रखें जब तक की लक्ष्य प्राप्ति नहीं हो जाती.
बचत को तवज्जो दें- ऐसे किसी भी खर्च को टाल दें जो बहुत जरूरी न हो. आपको प्राथमिकता अपनी नियमित बचत को देनी होगी.
इमरजेंसी के लिए रहें तैयार- निकट भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें. आपातकालीन परिस्थिति व छोटी अवधि के लिए फंड निवेश ऐसी जगह करें जिसमें थोड़े रिस्क के साथ रिटर्न बेहतर हो.