भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां 50% से अधिक लोग आज भी अपनी आजीविका के लिए किसानी पर निर्भर है. बावजूद इसके भारतीय किसान अब तक अत्यधिक हाईटेक नहीं हुए हैं. दरअसल, खेती में उपयोग होने वाले अधिकतर उपकरण महंगे हैं, इस कारण किसान इन्हें खरीद नहीं पाते हैं. किसानों की इस समस्या का हल निकालने के लिए कश्मीर के एक युवा ने कुछ खास उपकरण तैयार किए हैं जिससे किसानों की जिंदगी बदल रही है.
डॉक्टर मोहम्मद मुज़म्मिल कौन हैं, और वो किस तरह से किसानों की मदद कर रहे हैं, यह जानने के लिए इंडिया टाइम्स हिन्दी ने उनके साथ खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपना अब तक पूरा सफर शेयर किया है:
किसानों की समस्या कैसे हल कर रहे हैं मोहम्मद मुज़म्मिल?
20 फरवरी 1987 को जम्मू कश्मीर के काक सराय, करन नगर, श्वीनगर में पैदा हुए मुज़मिल बातचीत की शुरुआत करते हुए बताते हैं कि उनका जन्म एक कृषक परिवार में हुआ. बचपन से ही उन्हें खेती-किसानी में रुचि थी. यही कारण रहा कि उन्होंने एग्रीकल्चर में अपनी उच्च शिक्षा पूरी की. पढ़ाई के दौरान वो अपने खेतों से दूर रहे, लेकिन उन्हें हमेशा याद रहा कि खेती के दौरान किसानों को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
साल 2010 में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने तय किया कि वो किसानों की समस्या का हल निकालेंगे. इसी दिशा में नए प्रयोग करने शुरू कर दिए. साथ ही पढ़ाई जारी रखते हुए पहले जेआरएफ के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) की परीक्षा परीक्षा पास की, और फिर वहीं से मास्टर्स और पीएचडी की डिग्री ली. अब वो शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी का हिस्सा हैं.
मोहम्मद मुज़म्मिल की बनाई मशीनें खेती में मददगार कैसे?
डॉ. मुज़मिल बताते हैं कि पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने बाद, उन्होंने राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (NAARM) की तरफ रुख किया, और कृषि वैज्ञानिक बनने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया. इस सफर में उन्होंने नौकरी भी की लेकिन किसानों की समस्याओं को अनदेखा नहीं किया.
मुज़मिल किसानों के लिए सस्ता पैडी स्ट्रॉ चॉपर, मटर प्लांटर, चिली सीड एक्सट्रैक्टर, सोलर ऑपरेटेड कोकून ड्रायर, वर्मी कंपोस्टिंग मशीन, एप्पल ग्रेडर, वेजिटेबल सीडर और मकई शेलर जैसी कई कामगार मशीन बना चुके हैं. मुज़मिल के मुताबिक उनके द्वारा बनाई गईं मशीनें बेहद सस्ती हैं, और सेब, मशरुम, मटर, मकई व वेजिटेबल्स की खेती को आसान बनाती हैं. मुज़मिल का दावा है कि उनकी मशीनें किसानों की जिंदगी बदल रही हैं.