कीटो डाइट इन दिनों काफी चलन में है और यह उन लोगों के बीच अधिक ट्रेंड में है, जो लोग अपना वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं. जी हां, वेट लॉस के लिए कीटो डाइट एक बेस्ट वेट लॉस डाइट ऑप्शन उभर कर सामने आया है. कीटो डाइट में में मुख्य रूप से कार्ब्स का सेवन बिल्कुल कम करना होता है और प्रोटीन और फैट से भरपूर फूड्स को डाइट में अधिक शामिल करना होता है. कीटो डाइट को कीटोजेनिक या लो-कार्ब डाइट भी कहा जाता है. डाइट में कार्ब्स कम और फैट अधिक होने से शरीर कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा प्राप्त करने की बजाय फैट से ऊर्जा लेने लगती है. हालांकि, इस डाइट को फॉलो करने से पहले किसी हेल्थ एक्सपर्ट या फिर डाइटिशियन की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए. ऐसा इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि कई बार कुछ खास डाइट को फॉलो करने से उसके फायदे की बजाय नुकसान भी होने लगते हैं.
कई अध्ययनों में अब यह साबित हो चुका है कि कीटो डाइट वजन कम करने के लिए केवल एक अस्थायी उपाय है. इसे किसी को भी हमेशा के लिए लाइफस्टाइल में शामिल नहीं करना चाहिए. कीटोजेनिक डाइट को एक बैलेंस्ड डाइट मानने की गलती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ये डाइट हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है. जानें किन लोगों और किन परिस्थितियों में कीटो डाइट आपके लिए उपयुक्त साबित नहीं हो सकता है. आइए जानते हैं क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट अंशुल जयभारत से कीटो डाइट के नुकसान क्या हो सकते हैं.
कीटो डाइट के हो सकते हैं कुछ नुकसान भी
क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट अंशुल जयभारत कहती हैं कि वजन कम करने के लिए कीटो डाइट फॉलो करने का चलन बढ़ गया है, लेकिन कई बार इसके कुछ नुकसान भी होते हैं. शुरुआत में कीटो डाइट अलग लग सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म प्रभाव सही नहीं होता है. इस डाइट को फॉलो करने से क्रेविंग बढ़ती है. कुछ लोगों में कब्ज और सूजन जैसी आंत की समस्या हो सकती है. अत्यधिक ड्राइनेस महसूस होता है. कीटो डाइट बहुत ज्यादा दिनों तक इसलिए भी फॉलो नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसे फॉलो करने के बाद आप मुख्य भोजन (staple food) से दूर हो जाते हैं. जिन लोगों को हार्मोनल और आंत की समस्या है, उनके लिए यह डाइट बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है.
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अंशुल जयभारत कहती हैं कि कीटो डाइट से हार्मोंस असंतुलित हो सकते हैं, जिससे महिलाओं का पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकता है. गर्भवती महिलाओं को कीटो आहार का विकल्प नहीं चुनना चाहिए, क्योंकि यह उन्हें स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित कर सकता है. आप कोई भी डाइट फॉलो करें, उसके लिए ज़रूरी है कि फूड के साथ आपका एक हेल्दी संबंध कायम हो. आप जो कुछ भी खाते हैं, उसका पूरी तरह से आनंद नहीं ले पाते हैं, तो कोई भी भोजन, डाइट आपको ठीक से लाभ नहीं पहुंचा सकता है.
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कई बार कीटो डाइट फॉलो करने पर आपको मतली, उल्टी महसूस करना, चक्कर आना, सुस्ती आदि जैसे लक्षण नज़र आ सकते हैं. ऐसा आपके साथ भी हो तो समझ जाएं कि कीटो डाइट आपके लिए नहीं है.
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कई बार कीटो डाइट फॉलो करने के बाद भी वजन सही से कम नहीं होता है. यदि आपका वजन भी कम नहीं हो रहा है तो समझ लें कि आपके शरीर को ये डाइट सूट नहीं कर रहा है.
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किन लोगों को कीटो डाइट से रहना चाहिए दूर
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गर्भवती महिलाओं को कीटो आहार का विकल्प नहीं चुनना चाहिए, क्योंकि यह उन्हें स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित कर सकता है.
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यदि आप ईटिंग डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं, तो प्रतिबंधात्मक आहार (restrictive diets) से पूरी तरह बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी सेहत और भी ज्यादा खराब हो सकती है.
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जिन लोगों को हाइपोथायरॉयडिज्म है, उन्हें कीटो डाइट का पालन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह उनके हार्मोन के स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.
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बच्चों और किशोरों को कीटो डाइट का पालन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से उनके शरीर में कई तरह के महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. इससे उनके बढ़ते शरीर और दिमाग के विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है.