नई दिल्ली. देश को आजाद हुए 75 साल बीत गए हैं. इस दौरान देश ने कई उतार-चढ़ाव देखे. भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में जबरदस्त तरक्की की. साथ ही एक नई आर्थिक ताकत बनकर भी उभरा. भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. जहां एक तरफ पूरी दुनिया मंदी के खतरे से सहमी हुई है वहीं, भारत को इससे इम्यून बताया जा रहा है.
हालांकि, इतने सालों में देश में महंगाई भी बढ़ी और कई वस्तुओं और सेवाओं के पुराने दाम आज एक सपने जैसे लगते हैं. 1947 और 2022 में कुछ वस्तुओं की कीमतों की तुलना की है. इसमें पुरानी कीमतों को देखकर आप दंग रह जाएंगे. आइए एक नजर तब और अब की कीमतों पर डालते हैं.
तब और अब में कितनी बदली कीमतें
1947 में एक किलो चावल 12 पैसे में मिलता जो आज करीब 40 रुपये प्रति किलो बिकता है. इसी तरह चीनी तब 40 पैसे प्रति किलो थी लेकिन आज 42 रुपये की एक किलो है. आलू 25 पैसे से 25 रुपये तक पहुंच गया है. दूध 12 पैसे से 60 रुपये किलो तक पहुंचा. पेट्रोल आज 97 रुपये लीटर है लेकिन 1947 में आपको एक लीटर पेटोल केवल 25 पैसे में मिल जाता. एक साइकिल की कीमत जहां आज 8,000 रुपये है वहीं 1947 में यह केवल 20 रुपये में मिलती थी. दिल्ली से मुंबई आप फ्लाइट में केवल 140 रुपये खर्च कर के जा सकते थे लेकिन अब आपको इसके लिए करीब 7,000 रुपये खर्च करने होते हैं. इसी तरह सोना जो महंगाई से लड़ने का हथियार है, 1947 में 88 रुपये का 10 ग्राम था. आज वही सोना 52,000 रुपये तक जा पहुंचा है
देश मना रहा आजादी का अमृत महोत्सव भारत 15 अगस्त को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इसी के उपलक्ष्य में सरकार द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का आयोजन किया है. इसके तहत सरकार ‘हर घर तिरंगा’ तिरंगा कार्यक्रम चला रही है और 15 अगस्त तक लोगों को अपने घरों पर राष्ट्रध्वज लगाने के लिए प्रेरित कर रही है. केंद्र ने इसके लिए राष्ट्रध्वज संबंधित कुछ नियमों में संशोधन भी किए हैं. वहीं, इस बार पुलिस व अर्धसैनिक बलों को विशेष मेडल से सम्मानित किया जाएगा. इसका मेडल का नाम इंडिपेंडेंस एनिवर्सरी मेडल है और इसकी घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की थी.