राज्य सरकार की ओर से केंद्र को हिमाचल की 9 सड़कों को एनएच में परिवर्तित करने की मांग रखी गई है। केन्द्र सरकार ने यहां लगभग पांच साल पहले 69 नए एनएच बनाने की घोषणा की थी लेकिन इसमें से एक भी नहीं बन पाया। ऐसे में अब सरकार चुनाव से पहले चाहती है कि कम से कम 9 सड़कों को एनएच (National Highways) घोषित कर दिया जाए जिससे कुछ हद तक राहत मिल सके।
अब तक पूरी नहीं हुई 69 एनएच निर्माण की घोषणा
उम्मीद है कि आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हिमाचल दौरे के दौरान इस मामले में कोई एलान कर दिया जाए। वह इनकी अलाइनमेंट रिपोर्ट के आधार पर घोषणा कर सकते हैं। हालांकि इससे पहले राज्य सरकार ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के कहने पर ही 25 सड़कों की सूची केंद्र को सौंपी थी लेकिन इसका भी असर नहीं हुआ। वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार की 69 नेशनल हाईवे बनाने की घोषणा को भी एक जुमला करार दिया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व्यक्तिगत तौर पर भी कई बार केंद्र से मिलकर एनएच बनाने का आग्रह कर चुके हैं लेकिन राज्य सरकार को हर बार आश्वासन ही मिलते रहे हैं और केंद्र की छोटे से राज्य हिमाचल में 69 एनएच बनाने की घोषणा अब तक जुमला ही साबित हो रही है।
इस मुद्दे पर भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में जवाब देना होगा क्योंकि विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाने की फिराक में है। क्योंकि 2017 तक बीजेपी जब विपक्ष में थी तो उस दौरान पूर्व वीरभद्र सरकार को सड़क से लेकर सदन के भीतर तक इसलिए जोरदार ढंग से घेर रही थी क्योंकि इन सड़कों के लिए कंसल्टेंट लगाने को केंद्र की जटिल शर्तों की वजह से देरी हो रही थी।
तब बीजेपी दावा कर रही थी कि मोदी सरकार एनएच देने को तैयार है और वीरभद्र सरकार कंसल्टेंट लगाने में देरी कर रही है। अब बीजेपी भी खुद एनएच के मुद्दे पर फंस चुकी है।
हैरानी इस बात की है कि कुछ सड़कों की अलाइनमेंट रिपोर्ट केंद्र को दिए 6 साल का वक्त बीत गया है। कुल मिलाकर हिमाचल ने 69 में से 52 सड़कों की केंद्र को अलाइनमेंट रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। जब तक अलाइनमेंट रिपोर्ट को मंजूरी नहीं मिलती तब तक किसी भी सड़क को एनएच नहीं बनाया जा सकता है।
डीपीआर बनाने का काम अलाइनमेंट रिपोर्ट मंजूर होने के बाद ही किया जा सकता है।
राज्य की 69 सड़कों को कंसल्टेंट लगाने, इंसपेक्शन रिपोर्ट और अलाइनमेंट रिपोर्ट बनाने में करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।
केंद्र ने अब यह फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी है। इससे राज्य की जनता में भी निराशा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने मोदी सरकार द्वारा घोषित एनएच के मुद्दे का 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में खूब भुनाया है। जानकारों की मानें तो विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों वाले तो छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल में 69 एनएच बनाने की घोषणा ही गलत थी। फिलहाल 9 सड़कों को प्राथमिकता में रखा गया है, जिसमें कांगड़ा, हमीरपुर, सोलन, मंडी, ऊना जिला की सड़कें हैं।