केरलः लड़के-लड़कियों को साथ बैठने से रोका तो एक दूसरे की गोद में बैठकर किया ‘Laptop’ प्रोटेस्ट

तिरुवनंतपुरम . केरल के कॉलेज स्टूडेंट्स इन दिनों एक अनोखा प्रोटेस्ट कर रहे हैं. इस प्रोटेस्ट को उन्होंने ‘लैपटॉप’ प्रोटेस्ट’ नाम दिया है. स्थानीय रेजिडेंट्स एसोसिएशन की मॉरल पुलिसिंग के विरोध में एक बस स्टॉप के अंदर सीईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने एक दूसरे की गोद में बैठ कर तस्वीरें लीं,  जिसके बाद उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. 

लैपटॉप प्रोटेस्ट करते स्टूडेंट्स की तस्वीर, जो वायरल हो गई है. फोटो साभारः Kannada.news18

टाइम्स टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार रेजिडेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों, इसके अध्यक्ष और भाजपा राज्य समिति के सदस्य चेरुवक्कल जयन के नेतृत्व में लड़कों और लड़कियों को एक साथ बैठने से रोकने के लिए एक लंबी तीन सीटों वाली बेंच को काटकर एक-एक सीट का बना दिया गया था, जिसके बाद छात्रों ने इसके विरोध में ‘लैपटॉप’ प्रोटेस्ट शुरू किया.

रिपोर्ट के अनुसार इंजीनियरिंग के छात्र ‘लैपटॉप’ प्रोटेस्ट के दौरान एक-दूसरे की गोद में बैठे थे. उनकी उंगलियां बंधी थीं और हाथ एक-दूसरे के कंधों पर लिपटे हुए थे. इसके साथ ही वह कैमरे में देखकर मुस्कुरा रहे थे. उन्होंने तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की और यह वायरल हो गई. छात्रों का कहना है कि यह उन लोगों के लिए है, जो कॉलेज स्टूडेंट्स यानी लड़के और लड़कियों को अलग-अलग पंक्तियों में देखना पसंद करते हैं. छात्रों ने कहा कि वह लड़कियों और लड़कों के एक साथ बैठने को सामान्य बनाना चाहते हैं.

लोगों का मिल रहा भारी समर्थन 
कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम के एक छात्र नंदना पी एम, जो ‘लैपटॉप’ प्रोटेस्ट करने वाले छात्रों के समूह का हिस्सा थे, उन्होंने TOI से बातचीत करते हुए कहा कि हम जिन परिस्थितियों में पले-बढ़े हैं और जिन परिस्थितियों में वे पले-बढ़े हैं, दोनों अलग-अलग हैं. हमें नहीं लगता कि एक रात में समाज बदल जाएगा, लेकिन लोग छात्रों को चोट पहुंचाना बंद कर दें. हमारी पोस्ट के वायरल होने के बाद हमें लोगों का भारी समर्थन मिला है.

छात्रों को जब पता चला कि रेजिडेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा बस स्टॉप की बेंच तोड़ी जा रही है. तब छात्रों को बातचीत के दौरान अचानक यह आइडिया आया. तब छात्रों ने ‘लैपटॉप’ प्रोटेस्ट के फोटो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘अगर उनकी समस्या हमारे साथ बैठने से है, तो क्यों ना हमें एक-दूसरे की गोद में नहीं बैठना चाहिए?’