केरल के बाद अब हरियाणा-तमिलनाडु और ओडिशा पहुंचा टोमैटो फ्लू, अब तक मिल चुके हैं 100 से ज्यादा केस

नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के साथ-साथ मंकीपॉक्स (Monkey Pox) का खतरा बढ़ा. अब एक नई बीमारी आफत बनती जा रही है. इस नई बीमारी का नाम है टोमैटो फ्लू. केरल के बाद कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा में भी टोमैटो फ्लू (Tomato flu) के केस सामने आए हैं. जानकारी के अनुसार अब तक 100 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. बच्चे भी टोमैटो फ्लू के शिकार हुए हैं. इसके बढ़ते केसों को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी गाइडलाइन जारी कर दी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इस वायरल बीमारी ने केरल के पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक में अलर्ट की स्थिति पैदा कर दी है. इसके अतिरिक्त, भुवनेश्वर में क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र द्वारा 26 बच्चों (1-9 वर्ष की आयु) को ओडिशा में बीमारी होने की सूचना दी गई है. हालांकि, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा के अलावा किसी अन्य राज्य में अब तक टमाटर फ्लू के मामले सामने नहीं आए हैं.

‘टमाटर फ्लू’ को हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (Hand Foot Mouth Disease-HFMD) के नाम से भी जाना जाता है. केंद्र सरकार ने इस बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि यह एक आत्म-सीमित बीमारी है, जो ज्यादातर 1-10 वर्ष की आयु के छोटे बच्चों और प्रतिरक्षा-समझौता वाले वयस्कों को लक्षित करती है. इसके इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा मौजूद नहीं है.

मंकीपाक्स से संबंधित नहीं है टमाटर फ्लू वायरस
एडवाइजरी में आगे उल्लेख किया गया है कि हालांकि टमाटर फ्लू वायरस अन्य वायरल संक्रमणों (बुखार, थकान, शरीर में दर्द और त्वचा पर चकत्ते) के समान लक्षण दिखाता है, लेकिन यह वायरस SARS-CoV-2, मंकीपाक्स, डेंगू और/या चिकनगुनिया से बिल्कुल भी संबंधित नहीं है.

सबसे पहले केरल में हुई टमाटर फ्लू की पहचान
टमाटर फ्लू की पहचान सबसे पहले केरल के कोल्लम में 6 मई, 2022 को हुई थी. 26 जुलाई तक, स्थानीय सरकारी अस्पतालों द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के 82 से अधिक बच्चों में संक्रमण की सूचना मिली है. इसके अतिरिक्त, ओडिशा में 26 बच्चों (1-9 वर्ष की आयु) के बीमार होने की जानकारी आरएमआरसी भुवनेश्वर ने दी.

क्यों कहते हैं इसे टोमैटो फ्लू!
आमतौर पर बच्चों में होने वाले शरीर पर लाल तरह के छाले पड़ते हैं, जो बाद में बड़े होकर टमाटर की शेप में दिखते हैं. इसलिए इस फ्लू को टोमैटो फ्लू कहा जाता है. छोटे बच्चों में हैंड फुट, माउथ डिजीज काफी सामान्य होता है. इस तरह के डिजीज 10 साल से कम उम्र के बच्चों में होता है, लेकिन टोमैटो फ्लू के बारे में कहा जा रहा है कि ये उससे ऊपर के उम्र के लोगों में भी हो सकता है; जिनकी इम्युनिटी कमजोर है.

क्या है इसके लिए बचाव?
सैनिटाइजेशन इसके लिए सबसे बढ़िया बचाव है.अगर किसी को ये बीमारी हो जाती है तो सबसे पहले उसको 5 से 7 दिन का आइसोलेशन में डालना चाहिए. इसके साथ ही मरीज को पूरी तरीके से रेस्ट लेना चाहिए और साथ में बहुत सारा फ्लूड लेना चाहिए. गर्म पानी से स्किन पर स्पॉन्ज करने से स्किन में इरिटेशन कम होता है, इसलिए ऐसे मरीज जिन्हें यह बीमारी हुई है उनके लिए ज्यादा जरूरी है कि गुनगुने पानी से शरीर पर स्पंज करें. जानकारों का कहना है कि बच्चों को रूमाल के इस्तेमाल के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करें. शरीर के जिस भी अंग पर छाले पड़े हो उसको बहुत ज्यादा नहीं खरोचें. बच्चों के कपड़ों को अच्छी तरीके से साफ करें. इस बीच बच्चों को न्यूट्रीशिव्स डाइट दें.