कोरोना कर्फ्यू के चलते लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से दूर रहने को मजबूर है वह अपने आप को आज के समय में अकेला महसूस कर रहे है \ यही अकेला पन उनके डिप्रेशन का मुख्य कारण है यह जानकारी मनोवैज्ञानिक कुशल वर्मा ने मीडिया को दी | उन्होंने बताया कि लगातार समूचे भारत वर्ष में डिप्रेशन के मामले बढ़ते जा रहे हैं | लॉकडाऊन की वजह से सभी की दिनचर्या प्रभावित हुई है सभी आर्थिक तंगी से हो कर भी गुजर रहे है | सोशल डिस्टेंसिग की वजह से वह अपने दुःख को दुसरे से बाँट नहीं पा रहे है | उन्होंने कहा कि लोग कोरोना संक्रमण से प्रभावित होंगे या नहीं यह तो कहा नहीं जा सकता लेकिन भारत वर्ष में हर छठा व्यक्ति डिप्रेशन जैसी बिमारी से जूझ रहा है उनकी चिंताएं उनके दिमाग पर हावी हो रही है आने वाला भविष्य कैसा होगा यह डर उन्हें सता रहा है | इस लिए डिप्रेशन को दूर करना बेहद आवश्यक है |
अधिक जानकारी देते हुए मनोवैज्ञानिक कुशल वर्मा ने बताया कि लॉक डाउन होने की वजह से अब लोगों को एकाकी पन सताने लगा है | उन्होंने कहा कि पहले लोग अपने दोस्तों से मिल पाते थे अपने रिश्तेदारों से अपना दुःख सुख बाँट लिया करते थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से वह सभी से दूर होते जा रहे है जिसकी वजह से वह मानसिक रूप से परेशान रहने लग गए है | सोलन अस्पताल में भी मानसिक रोगियों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है | उन्होंने कहा की मुंबई नगरी में भी एक स्ट्रार ने डिप्रेशन में आ आकर आत्महतया कर ली है हिमाचल में भी आत्महत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही है | जिसका मुख्य कारण है कि हम लोगों से मिल कर अपने सुख दुख बाँट नहीं पा रहे है | इस लिए हमें अपने आप को हर हालत में खुश रखना होगा और हमें अपने आप को व्यस्त रखना बेहद आवश्यकता है | उन्होंने कहा कि अपनी चिंताएं अपने दोस्तों को बताएं तभी हम इस डिप्रेशन जैसे गम्भीर बिमारी से बच सकते है |