पश्चिम बंगाल के वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री और हैवीवेट टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को सरकारी स्कूलों में कथित भर्ती घोटाले के सिलसिले में 24 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद शनिवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया. एजेंसी ने उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में लिया है.
इस समय वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री और पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल के महासचिव भी हैं.
पार्थ चटर्जी के पास संसदीय कार्य मंत्रालय का विभाग भी है. 2014 से 2021 तक पार्थ चटर्जी ममता बनर्जी की कैबिनेट में शिक्षा मंत्री थे.
2001 में पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बेहाला पश्चिम से विधायक चुने गए और तब से दक्षिण कोलकाता की सीट पर काबिज हैं. 2011 में ममता बनर्जी की पार्टी की सरकार बनने से पहले पार्थ चटर्जी 2006 से 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता थे.
जब ममता बनर्जी 2016 में दूसरे कार्यकाल के लिए सीएम बनीं तो पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल सरकार में उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रभारी मंत्री बने
कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा करने के बाद शुरू में पार्थ चटर्जी ने एंड्रयू यूल के साथ एक मानव संसाधन पेशेवर के रूप में भी काम किया. वह कोलकाता में नकटला उदयन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष भी हैं, जो अपने थीम वाले पंडालों के लिए प्रसिद्ध है.