सोलन में जिला प्रशासन द्वारा ऑटो चलाने के आदेश तो दे दिए गए है लेकिन उन्हें यह निर्देश भी दिए गए है कि वह ऑटो में दो ही सवारियां बिठा सकते है और जो सवारियां उनके ऑटो में बैठेंगी उनका नाम पता वह नोट भी करेंगी | उन्हें यह चेतावनी भी दी है कि अगर वह इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी | ऑटो चालक सभी इन नियमो की पालना कर रहे थे लेकिन जब से बसों को 100 प्रतिशत क्षमता पर चलाने के आदेश दिए गए है ऑटो चालक अपने को ढगा सा महसूस कर रहे है | उनका मानना है कि अगर बसों को पूरी क्षमता पर चलाने की अनुमति मिल सकती है तो उनके ऑटो चालकों को क्यों नहीं मिल सकती उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह दोगली निति से चल रही है और वह अपने खाली खजाने भरना चाहती है जिसके लिए वह नियमों का सहारा ले रही है |
अधिक जानकारी देते हुए सोलन ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा और ऑटो चालक अमित ठाकुर ने कहा कि जब उन्हें ऑटो चलाने की अनुमति प्रदान की गई थी तब डीज़ल का रेट 61 रूपये था जो बढ़ कर अब 73 रूपये हो चुका है | लेकिन उन्हें ऑटो का किराया बढ़ाने की अनुमति प्रदान नहीं की जा रही है | उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऑटो चालकों से सौतेला व्यवहार कर रही है क्योंकि बसों को 100 प्रतिशत क्षमता पर चलाया जा रहा है वहीँ ऑटो में केवल दो ही सवारियां बैठाने के आदेश दिए गए है जो सरासर गलत है जिसे देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि केवल ऑटो में बैठने से ही कोरोना फ़ैल रहा है बसों में बैठने से नहीं होगा | उन्होंने कहा कि बसों में कोई भी ब्यौरा परिचालक नहीं लिख रहा है लेकिन ऑटो चालकों को ब्यौरा लिखने के सख्त आदेश दिए गए है और पुलिस उनका हर मोड़ पर चलान कर रही है जिसके चलते वह बेहद आहत है |