दुनिया के कई देशों की सरकार जरूरतमंदों को पेंशन के तौर पर मदद देती है. कुछ गरीबों के लिए, कुछ बीमारों के लिए. लेकिन क्या आपने खर्राटे लेने वालों को मिलने वाले पेंशन के बारे में सुना है? नहीं ना. लेकिन यूके (United Kingdom) में ऐसी योजना लागू है. यहां की सरकार वैसे लोगों को जो रात को सोते हुए खर्राटे लेते हैं, उंहें हफ्ते का करीब पंद्रह हजार बाकायदा पर्सनल इंडिपेंडेंस पेमेंट्स (Personal Independence Payments) के रूप में देती है. ये कैश लोगों को यूके के डिपार्टमेंट फॉर वर्क एंड पेंशन के तौर पर दिया जाता है. यानी अगर आप नींद में खर्राटे लेते हैं तो आपको महीने के करीब 60 हजार मिलेंगे.
यूके के वो लोग जिनके लिए खर्राटे लेना अब तक काफी परेशानी भरा अनुभव रहा है, अब इसका फायदा उठा सकते हैं. खर्राटे लेने वालों के लिए खुशखबरी ये है कि वो इसके बदले में सरकार से कैश ले सकते हैं. ज्यादातर लोगों को सरकार के इस योजना के बारे में अभी तक पता ही नहीं है. पर्सनल इंडिपेंडेंस पेमेंट्स के तहत ब्रिटिश लोग हर हफ्ते मिलने वाले करीब पंद्रह हजार रुपये कैश की मदद पर दावा कर सकते हैं. डिपार्टमेंट फॉर वर्क एंड पेंशन की ये मदद उनलोगों के लिए फायदेमंद है जिनके लिए लाइफ काफी मुश्किल चल रही है.
बीमारी का है लक्षण
अब आप सोच रहे होंगे कि भारत में ऐसी कोई स्कीम क्यों नहीं है? दरअसल, यूके में खर्राटे लेने को बीमारी का लक्षण माना जाता है. इसे स्लीप एपनिया कहा जाता है. ब्रिटेन में कई लोग इससे ग्रसित है. जानकारी के मुताबिक़, अभी तक करीब 22 हजार लोग इस मदद का फायदा उठा रहे हैं. वो बीमारी के कारण इस योजना का फायदा लेकर अपनी लाइफ में कुछ मदद सरकार से पा रहे हैं. भारत में खर्राटे लेने को बीमारी का लक्षण नहीं माना जाता है. इस वजह से ऐसी कोई स्कीम भारत में नहीं है.
हर हफ्ते मिलती है पेमेंट
ब्रिटिश इस स्कीम का फायदा हर हफ्ते ले सकते हैं. इसके लिए हर हफ्ते क्लेम करना पड़ता है. डॉक्टर से मिले प्रिस्क्रिप्शन से ये साफ़ होना चाहिए कि आप तीन महीने से इससे ग्रसित हैं और कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. इसके बाद सरकार द्वारा जारी PIP न्यू क्लेम के अंतर्गत दिए फोन नंबर पर आपको अपना क्लेम रजिस्टर करवाना है. इसके बाद आपको एक फॉर्म भेजा जाएगा जिसे भरकर आप अपनी जानकारी सब्मिट कर सकते हैं. बाकी की डिटेल्स लोगों को यूके गवर्नमेंट की ऑफिशियल साइट से मिल जाएगी.