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गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के पुनर्वास का आधार मनरेगा

कोविड-19 के कारण घोषित कफ्र्यू अवधि में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के पुनर्वास का आधार बनकर उभरा है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन सोलन यह सुनिश्चित बना रहा है कि मनरेगा न केवल जरूरतमंद व्यक्तियों का आर्थिक सहारा बने अपितु इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियांे को भी बल मिले।
जिला प्रशासन सोलन ने 20 अप्रैल, 2020 से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कार्यों को अनुमति प्रदान कर आरंभ किया जो न केवल आर्थिक मजबूती के लिए आवश्यक हंै अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में लोगांे की आजीविका का सम्बल भी हैं। जिला में ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भूमि विकास, व्यक्तिगत डंगों इत्यादि एवं जल संरक्षण निर्माण कार्यों की अनुमति दी गई है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जिला प्रशासन ने सोलन जिला के सभी 05 विकास खण्डों में मनरेगा के तहत कार्य आरम्भ किए।
26 मई, 2020 तक सोलन जिला में मनरेगा के तहत 720 कार्य आरम्भ कर 4954 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। इस अवधि में लगभग 08 करोड़ रुपये के कार्य आरम्भ किए गए। 
जिला के विकास खण्ड धर्मपुर में 1.93 करोड़ रुपये के 177 कार्य आरम्भ कर 1153 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है। कण्डाघाट विकास खण्ड में 100 कार्य आरम्भ कर 720 व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया है। इन कार्यों पर लगभग 67 लाख रुपये खर्च हुए हैं। विकास खण्ड कुनिहार में लगभग 02 करोड़ रुपये व्यय कर 191 कार्य आरम्भ किए गए हैं। इन कार्यों के माध्यम से 779 व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं। नालागढ़ विकास खण्ड में 113 कार्य आरम्भ कर 1000 व्यक्तियों को निर्धारित अवधि का रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। इन कार्यों पर लगभग 98 लाख रुपये व्यय हुए हैं। सोलन विकास खण्ड में 02.43 करोड़ रुपये व्यय कर 1302 व्यक्तियों को लाभ प्रदान किया गया है। यहां 139 कार्य आरम्भ हुए हैं।
कोविड-19 के दृष्टिगत सभी निर्माण कार्यों में सुरक्षा उपायों को अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत सभी व्यक्ति अपने-अपने वार्ड में ही कार्य कर रहे हैं। खंड विकास अधिकारी यह सुनिश्चित बना रहे हैं कि कार्य करने वाले सभी व्यक्ति कोरोना वायरस के खतरे के दृष्टिगत जारी निर्देशों से परिचत हों एवं इनकी अनुपालना सुनिश्चित बनाएं। सभी कामगारों को सोशल डिस्टेन्सिग का महत्व समझाया गया है। उन्हें बताया गया है कि कार्य करते समय कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखने से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने इस सम्बन्ध में कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर सोलन जिला में मनरेगा के तहत कार्य आरम्भ कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला में मनरेगा के तहत लगभग 120 करोड़ रुपये के 18 हजार से अधिक निर्माण कार्यों की अनुमति प्रदान की गई है।
चाहे जिला के धर्मपुर विकास खंड में गुशाण के रहने वाले ओम प्रकाश के डंगे का कार्य हो, ग्राम पंचायत भावगुड़ी के ताल गांव के रामचंद की गौशाला का काम हो, ग्राम पंचायत रौड़ी के दिहाड़ी के कल्याण चंद का भूमि विकास कार्य हो, ग्राम पंचायत बुघार कनैता के रामपुर के रोशन लाल तथा ग्राम पंचायत गुल्हाड़ी में घरयाणा गांव में भूमि विकास का कार्य हो, सभी सरकार द्वारा इन कामों की अनुमति दिए जाने से प्रसन्न हैं। विकास खंड नालागढ़ में ग्राम पंचायत क्यारकनैता में बिमला देवी द्वारा अनुमति मिलते ही भूमि विकास कार्य आरंभ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त अनेक अन्य कार्य भी आरम्भ किए गए हैं। 
मनरेगा के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्य जहां ग्राम स्तर पर विकास की नींव को मज़बूत कर रहे हैं वहीं कोरोना वायरस के खतरे के मध्य व्यक्तिगत स्तर पर लाभ पहुंचाकर लोगों की आजीविका को सुनिश्चित भी बना रहे हैं।