कई बार लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि उन्हें अडल्ट मैसेज या सेक्सुअल कंटेंट की नोटिफिकेशन आते हैं. ऐसे में हमें समझ में नहीं आता है कि हमसे कहां पर चूक हुई है, जिसके चलते ऐसा हो रहा है. दरअसल एक रिपोर्ट से मालूम हुआ है कि ऐसा क्यों होता है. अगर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म और गूगल आपको अडल्ट मैसेज या नोटिफिकेशन भेज रहे हैं तो ये अल्गोरिद्म में बदलाव के कारण हो रहा है.
बढ़ती टेक्नोलॉजी के दौर में अक्सर इंटरनेट पर हमें कुछ ऐसी चीज़ मिल जाती है, जिससे हम सोच में पड़ जाते हैं. कई बार लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि उन्हें अडल्ट मैसेज या सेक्सुअल कंटेंट की नोटिफिकेशन आते हैं. ऐसे में हमें समझ में नहीं आता है कि हमसे कहां पर चूक हुई है, जिसके चलते ऐसा हो रहा है. दरअसल एक रिपोर्ट से मालूम हुआ है कि ऐसा क्यों होता है. अगर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म और गूगल आपको अडल्ट मैसेज या नोटिफिकेशन भेज रहे हैं तो ये अल्गोरिद्म में बदलाव के कारण हो रहा है
दरअसल बताया गया है कि ये अल्गोरिद्म यूज़र्स के बिहेवियर के हिसाब से काम करता है, इसका मतलब है कि आप जो कुछ भी Google पर सर्च कर रहे हैं या देख रहे हैं, उसके आधार पर ही आपको विज्ञापन दिखाए जाते हैं.
नई रिपोर्ट से ये भी पता चला है कि एक भारतीय यूजर औसतन 4 से 5 घंटे अपने फोन पर बिताते हैं. ऐसे में हम जो ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं वह ज़रूरी हो जाता है. क्योंकि आपके द्वारा सर्च किए गए कंटेंट आपकी सर्च अनुशंसा का आधार बन जाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्लेटफॉर्म का एल्गोरिदम इस तरह काम करता है.
इसका मतलब साफ है कि आप क्या सर्च कर रहे हैं या किस तरह का कंटेंट देख रहे हैं, उनके पास इसकी पूरी जानकारी है. इस हिसाब से इन प्लेटफॉर्म्स को आपको नोटिफिकेशन भेजने होते हैं, क्योंकि इनका एल्गोरिथम इसी तरह काम करता है.
कई बार यूज़र का कहना होता है कि उन्होंने ऐसा कुछ भी सर्च नहीं किया है, फिर क्यों उन्हें इस तरह की ऐड, नोटिफिकेशन या फिर मैसेज आते हैं. तो ऐसे में ये हो सकता है कि यूज़र ने कभी गलती से किसी अडल्ट कंटेंट पर क्लिक कर दिया हो, जो कि अल्गोरिद्म ने ट्रैक किया हो, और बाद में उससे जुड़ी आपको नोटिफिकेशन या मैसेज मिलने लगा.