गोवा कांग्रेस में बढ़ती दरार के बीच सदानंद तनावडे बोले- मुख्यमंत्री बनने की चाहत में BJP छोड़ने वाले लोग आज पछता रहे हैं

पंजी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की गोवा इकाई के अध्यक्ष सदानंद तनावडे ने कहा है कि जिन्होंने इस साल की शुरुआत में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी और मुख्यमंत्री बनने के लिए अन्य राजनीतिक दलों में शामिल हो गए, वह अब पछता रहे हैं. बुधवार को मापुसा में पत्रकारों से बात करते हुए, तनावडे ने कहा कि कुछ भाजपा नेताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी छोड़ दी थी, यह सोचकर कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी. उन्होंने यह गलत सोचा था कि चुनाव के बाद भाजपा सरकार नहीं बना पाएगी.

तनावडे ने आगे कहा कि हमने उन्हें रोकने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन उन्होंने सोचा कि कांग्रेस सरकार बनाएगी और उस पार्टी में शामिल हो गए. लेकिन कांग्रेस जीत नहीं पायी. भाजपा ने 20 सीटें जीतीं और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और निर्दलीय की मदद से हमने एक स्थिर सरकार बनाई.

कुछ BJP नेता विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस में चले गए थे
भाजपा के वरिष्ठ नेता माइकल लोबो और कार्लोस अल्मेडा कुछ ऐसे नेता थे, जो विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस में चले गए थे. सिओलिम विधानसभा क्षेत्र से अपनी पत्नी दलीला को उम्मीदवारी देने से इनकार करने के बाद लोबो भाजपा से नाराज थे. लोबो दंपती कांग्रेस के टिकट पर अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए.

40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में वर्तमान में 20 सदस्य भाजपा के हैं. कांग्रेस की बात करें तो विधानसभा में 11 सदस्य हैं. वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के 2 सदस्य, एमजीपी के भी 2 सदस्य, तीन निर्दलीय और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी (आरजीपी) के एक-एक सदस्य हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसे नेताओं को फिर से पार्टी में शामिल किया जाएगा, भाजपा नेता तनावडे ने कहा कि निर्णय पूरी तरह से शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर करता है.

तनावडे का बयान कांग्रेस पार्टी में बढ़ रही दरार के बीच आया है
उन्होंने आगे कहा कि हम क्षेत्रीय संगठन नहीं हैं. पार्टी के आलाकमान दिल्ली में हैं, जो इस संबंध में कोई अनुरोध किए जाने पर निर्णय लेंगे. तनावडे का बयान कांग्रेस पार्टी में बढ़ रही दरार के बीच आया है. खबर है कि पांच विधायकों के एक समूह ने कथित तौर पर भाजपा में जाने की योजना बनाई है.