नाहन, 04 अगस्त : चंडीगढ-कालाअंब-देहरादून नेशनल हाईवे (Chandigarh-Kala Amb-Dehradun National Highway) पर खजूरना में मारकंडा नदी का पुल उम्रदराज हो गया है। इसके एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने की तस्वीरें पाठकों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से साझा की हैं। बता दें कि चंडीगढ़ के अलावा शिमला की इसी हाईवे से शाॅर्ट कनेक्टिविटी है। लिहाजा, इस पुल की अहमियत रहती है।
पांवटा साहिब में भी बाता पुल भी डैमेज हो गया था, लेकिन इसके ढहने से पहले ही नए पुल का निर्माण समय पर पूरा कर लिया गया था। मारकंडा नदी (markanda river) पर नए पुल के निर्माण को लेकर औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इसका निर्माण साढ़े 17 करोड़ की लागत से होगा। पंचकूला के मान बिल्डर्स को टैंडर आबंटित हो गया है, लेकिन धरातल पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
हालांकि, कालाअंब से वाया विक्रमबाग ट्रैफिक को डायवर्ट करने का विकल्प मौजूद है, लेकिन कालाअंब से खजूरना सड़क की स्थिति इतनी बेहतर नहीं है कि वो हाईवे के दोतरफा ट्रैफिक को सहन कर सके।
गौरतलब है कि करीब डेढ़ दशक पहले हरियाणा की सीमा में कालाअंब में भी मारकंडा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया था। यमुनानगर की कनेक्टिीविटी हरियाणा के नारायणगढ़ इलाके से भी टूट गई थी। नवनिर्मित पुल पर भी भारी ट्रकों की पार्किंग अब भी सवालों में रहती है। हालांकि, मारकंडा नदी के किनारे बसे गांवों के लिए पुलों का निर्माण हुआ है, लेकिन मुख्य हाईवे पर मारकंडा पुल को लेकर भी उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।
सवाल इस बात पर उठ रहा है कि क्या उस नौबत का इंतजार किया जा रहा है, जब मारकंडा नदी में जलस्तर कम होने पर वाहनों को दूसरी तरफ पार करवाया जाएगा। पाठकों की मानें तो पुल की रेलिंग भी ध्वस्त हो चुकी है। इससे किसी राहगीर के नीचे गिरने की भी आशंका बनी रहती है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में नेशनल हाईवे विभाग के अधिशाषी अभियंता प्रमोद उप्रेती ने कहा कि नदी पर नए पुल के निर्माण को लेकर तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। ठेकेदार को डेढ़ साल के भीतर पुल का निर्माण कार्य पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा पुल की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाएगी।