चार कारणों ने शेयर बाजार की तेजी पर लगाया ब्रेक, अब क्या होगा आगे? समझिए

नई दिल्ली. लगातार 8 दिनों की तेजी के बाद शुक्रवार को शेयर बाजार (Stock Market) में गिरावट आई. कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 651.85 अंक यानी 1.08 फीसदी टूटकर 59,646.15 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी (Nifty) 229.30 अंक यानी 1.28 फीसदी गिरकर 17,727.20 के स्तर पर बंद हुआ. आज मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली रही. रियल्टी, बैंक और एफएमसीजी शेयरों में गिरावट रही, जबकि आईटी शेयरों में खरीदारी देखने को मिली.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोजित फाइनेंशिनेंयल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार का कहना है कि निफ्टी जून के अपने निचले स्तर से 18% ऊपर चढ़ चुका था. यहां से इस मोमेंटम को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. फिलहाल कुछ मुनाफावसूली और पैसों को फिक्स्ड  इनकम में ट्रांसफर करने के कारण गिरावट देखने को मिली है. विजय कुमार का कहना है कि इसे छोटी-अवधि की रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है. आइए जानते हैं कि आज बाजार को गिराने में किन कारणों का हाथ रहा.

यूएस डॉलर इंडेक्स में तेजी
करीब 2 महीनों की कमजोरी के बाद अमेरिकी डॉलर में अब तेजी आई है. यह बढ़कर 107.6 पर पहुंच गया है. यह एक महीने का उच्‍च स्‍तर है. अमेरिकी डॉलर में मजबूती का भारत जैसे उभरते देशों के शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ता है क्‍योंकि इससे निवेशक बाजार से पैसा निकालने लगते हैं.

मौद्रिक नीति सख्‍त रहने की संभावना
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को यह भरोसा होता दिख रहा है कि उसकी तरफ से ब्याज दरों की गई बढ़ोतरी ने महंगाई को अप्रैल महीने के बाद कम करने में मदद की है. लेकिन अमेरिका के केंद्रीय बैंक को वहां अभी महंगाई थमने का भरोसा नहीं हो रहा है. हालांकि जुलाई में अमेरिकी में रिटेल महंगाई दर कुछ कम हुई है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दो सदस्यों ने 18 अगस्त को कहा कि वे सितंबर में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी का समर्थन करेंगे. अमेरिका में ब्‍याज दरें बढ़ने का असर यह होता है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालने लगते हैं.

विंडफाल टैक्स में बढ़ोतरी
सरकार ने डीजल और एविएशन टर्बाइन-फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाने का फैसला किया है. निवेशकों और ऑयल कंपनियों के लिए यह फैसला थोड़ा हैरानी भरा था. बेंचमार्क इंडेक्स में सबसे अधिक वेटेज रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्री (RIL) के शेयरों में शुक्रवार को कारोबार के दौरान 1.3 फीसदी की गिरावट देखी गई और निफ्टी-50 इंडेक्स में यह आज सबसे अधिक गिराने वाले शेयरों में शामिल रहा.

ऊंची वेल्यूएशन
सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों में ही अब जून के निचले स्‍तर से 18 फीसदी की तेजी आ चुकी है. इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार एशिया के सबसे अधिक वेल्यूएशन वाले बाजारों में से एक बन गया है. वीके विजयकुमार का कहना है कि वेल्यूएशन का ऊंचा स्तर बाजार में और तेजी को वाजिब नहीं ठहराता है.