चावल की कीमतों में आ सकती है तेजी, असामान्य मॉनसून के कारण धान का बुआई क्षेत्र घटने से बढ़ी चिंता

नई दिल्ली. धान के प्रमुख बुआई वाले क्षेत्रों में इस बार मॉनसून कुछ अनियमित रहा है. दरअसल, इस साल पूरे देश में भले ही बारिश सामान्य से अधिक रही हो लेकिन पूर्वी और उत्तरी पूर्वी भारत में यह 16 फीसदी कम हुई है. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल और झारखंड की बुआई काफी कम हुई है. इसके अलावा हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और मध्य प्रदेश में गेहूं के बुआई क्षेत्र में गिरावट आई है.

कृषि मंत्रालय के अनुसार, चालू खरीफ सत्र में धान की बुआई अब तक 12.39 प्रतिशत घटकर 309.79 लाख हेक्टेयर रही है. इसका मुख्य कारण झारखंड और पश्चिम बंगाल में बुआई क्षेत्र का घटना है. मंत्रालय के अनुसार धान के अलावा दलहन (जिनसे दाल बनती है) और तिलहन (जिनसे वनस्पति तेल बनता है) की बुआई का रकबा भी इस खरीफ सत्र में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अभी कम है.

कितना कम हुआ धान का बुआई क्षेत्र
धान मुख्य खरीफ फसल है जिसकी बुआई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है. देश के कुल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत भाग इसी मौसम से आता है. मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा खरीफ सत्र में 12 अगस्त तक धान की बुआई का रकबा 309.79 लाख हेक्टेयर था जो एक साल पहले की समान अवधि में 353.62 लाख हेक्टेयर था. झारखंड में इस अवधि में अब तक केवल 3.88 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया है, जो रकबा एक साल पहले इसी अवधि में 15.25 लाख हेक्टेयर था. इसी तरह, पश्चिम बंगाल में भी धान की बुआई कम यानी 24.3 लाख हेक्टेयर में ही हुई जो पिछले साल 35.53 लाख हेक्टेयर में हुई थी. आंकड़ों के अनुसार उक्त अवधि में मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, त्रिपुरा, मेघालय, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, सिक्किम और मिजोरम में भी धान की बुआई कम हुई है.

दलहन और तिलहन का बुआई क्षेत्र भी घटा
इस खरीफ सत्र में अब तक दलहन और तिलहन के बुआई क्षेत्र में भी गिरावट आई है. 12 अगस्त तक दलहन की बुआई का रकबा 122.11 लाख हेक्टेयर था जो एक साल पहले इसी अवधि में 127.22 लाख हेक्टेयर था. इसी अवधि के दौरान पिछले साल के 47.55 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अरहर की खेती घटकर 42 लाख हेक्टेयर रह गई है. इस खरीफ सत्र में तिलहन बुआई के रकबे में भी कमी आई है. चालू खरीफ सत्र में अब तक 180.43 लाख हेक्टेयर में तिलहन बुआई हुई है जो पिछले साल 181.83 लाख हेक्टेयर था. यह गिरावट मुख्य रूप से मूंगफली की बुआई कम होने के कारण हुई है.

मोटे अनाज व नकदी फसल की बुआई बढ़ी
इस खरीफ सत्र में अब तक मोटे अनाज की बुआई 166.43 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 161.33 लाख हेक्टेयर थी. नकदी फसलों में, गन्ने का रकबा (बुआई क्षेत्र) 54.52 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 55.20 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि कपास की खेती का रकबा पहले के 116.15 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 123.09 लाख हेक्टेयर हो गया.