नई दिल्ली. चीन और ताइवान के बीच तनाव हमेशा बना रहता है. लगातार चीन की धमकियों के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान यात्रा को लेकर चीन बौखलाया हुआ है. चीन लगातार ताइवान को धमकी दे रहा है. सवाल है कि यदी चीन ने बौखलाहट में ताइवान पर हमला कर दिया तो ताइवान उसका मुकाबला कैसे करेगा. तो इसका जवाब है कि ताइवान चीन से भले ही छोटा हो. लेकिन ताइवान के पास ऐसे-ऐसे हथियार हैं कि वह चीन से कहीं भी कमजोर नहीं है.
चीन की हालत पतली करने के लिए उसके पास जमीन, हवा और पानी में लड़ने के लिए पर्याप्त हथियार हैं. वहीं दुसरी तरफ अब उसे अमेरिका भी सपोर्ट कर रहा है. ऐसे में ताइवान के लिए चीन से मुकाबला करना मुश्किल नहीं होगा. आइए जानते हैं उन हथियारों के बारे में जिससे चीन से मुकाबला करने में ताइवान को आसानी होगी.
तुओ चियांग कॉर्वेट ताइवानी नौसेना का खतरनाक जहाज
तुओ चियांग कॉर्वेट ताइवानी नौसेना का ऐसा खतरनाक जहाज है जो चीन की बैंड बजा सकता है. चीन की नौसेना, थल सेना और वायु सेना तीनों को टक्कर देने के लिए यह जहाज काफी है. ताइवान इस तरह के 12 जहाज बनाने वाला है. फिलहाल ताइवान इस तरह के दो जहाज को बना चुका है.
ताइवान के पास हीसंग फेंग 3 सुपरसोनीक मिसाइल
ताइवान के पास हीसंग फेंग 3 सुपरसोनीक मिसाइल भी है यह जमीन और नौसैनिक दोनों टारगेट्स पर हमला करने की क्षमता रखता है. छोटे से देश के पास 250 सुपरसोनीक मिसाइलें हैं. इन मिसाइलों का अधिकतम रेंज 400 किलोमीटर है. ताइवान इससे चीन के छक्के छुड़ा सकता है.
खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल स्काई बो 3
अब बात करते हैं खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल स्काई बो 3 की. इसकी रफ्तार 8348.8 किलोमीटर प्रतिघंटा है. संभव ही नहीं है कि इतने कम समय में दुश्मन इससे बचने की तैयारी कर सके. रेंज की बात करें तो इसकी रेंज 200 किलोमीटर है. रेंज कम और स्पीड ज्यादा होने के कारण यह चीन के लिए और खतरनाक है.
हवा में लड़ने के लिए एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन लड़ाकू विमान
ताइवान के पास अमेरिका द्वारा बनाया गया एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन लड़ाकू विमान भी है. जो चीन से हवा में लड़ने में काफी है. यह 48 देशों का भरोसेमंद लड़ाकू विमान है. इसके साथ ही ताइवान अमेरिका के तीसरे जेनरेशन के तोप एम1 अबराम टैंक्स भी लेने की तैयारी कर रहा है.
ताइवान की मीडियम रेंज राडार गाइडेड हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल स्काई स्वॉर्ड 2 भी है. यह 1990 से ताइवान के पास है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 100 किलोमीटर है. इसकी गति इसे बेहद खतरनाक बनाती है.