श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ऑन रिकॉर्ड भले ही स्वास्थ्य कारणों के चलते अपना पद छोड़ने की वजह बता रहे हों, लेकिन असली कहानी कुछ और है! उनके करीबियों से मिली जानकारी के मुताबिक इनकार के पीछे कई वजहें हैं. आजाद ने जम्मू कश्मीर के लिए पार्टी द्वारा घोषित कैंपेन कमेटी और राजनीतिक कमेटी के अध्यक्ष का पद कुछ घंटों के अंदर ही ठुकरा दिया था. पहली वजह है कि आजाद अपने अनुभव और कद को देखते हुए खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करवाना चाहते हैं. जब भी चुनाव हो, आजाद खुद को राज्य के सबसे बड़े नेता के रूप में ड्राइविंग सीट पर चाहते हैं. समर्थकों की दलील है की ये उनका आखिरी चुनाव हो सकता है, लिहाजा उनको पूरा सम्मान देना चाहिए.
दूसरी वजह तारिक हमीद कर्रा जैसे विवादित नेता के अंडर में एक कमेटी में रखा जाना भी आजाद को नागवार गुजरा है. तीसरा आजाद का मानना है कि जब वे पहले से ही कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं, सोनिया गांधी को सलाह देने वाली पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के अहम अंग हैं तो राज्य में इस तरह की कमेटी में रखने का कोई औचित्य नहीं है. इससे उनका कद छोटा होता है. चौथा कारण, ये कि कमेटी के बाकी सदस्यों को नामित करते वक्त गुलाम नबी आजाद से सलाह नहीं ली गई. इस वजह से राज्य स्तर के कई नेता नाराज़ भी हैं.
पांचवां कारण, आजाद को कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाने की घोषणा से पहले संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने वरिष्ठ नेताओं को सूचित करने की परंपरा का ध्यान नहीं दिया, वरना ये बातें वहीं हो जाती और मामला बाहर नहीं आता. पार्टी सूत्रों के मुताबिक आजाद से बात करके मामले को सुलझा लिया जाएगा, जहां तक CM चेहरा देने की बात है तो वो चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी हो सकता है ,आजाद सबसे वरिष्ठ नेता होने के नाते पूरी तरह से इस पद के लिए योग्य हैं, ऐसा पार्टी मानती भी है. और समय पर फैसला लिया जाएगा.