जेम्स वेब टेलिस्कोप ने पहली बार सौर मंडल के बार खोजी कार्बन डाईऑक्साइड गैस, क्या एक्सोप्लैनेट पर जीवन संभव?

James Webb Big Discovery in Space : फ्रांस के एटोमिक एनर्जी कमिशन के एक खगोल भौतिक विज्ञानी पियरे-ओलिवियर लागेज ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, ‘मेरे लिए यह सुपर-अर्थ (ऐसे ग्रह जो पृथ्वी से बड़े लेकिन नेपच्यून से छोटे होते हैं) या पृथ्वी के आकार के ग्रहों पर भविष्य के शोध के लिए एक दरवाजा खोलता है।’

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फोटो साभार : NASA

वॉशिंगटन : अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलिस्कोप जेम्स वेब को अंतरिक्ष में गए हुए अभी कुछ महीने ही हुए हैं और इसने एक से एक अद्भुत नजारे धरतीवासियों को दिखाए हैं। हाल ही में जेम्स वेब ने एक और तस्वीर खींचकर वैज्ञानिकों को चौंका दिया। टेलिस्कोप ने पहली बार सौर मंडल के बाहर एक ग्रह के वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड के निशान खोजे हैं। एक्सोप्लैनेट जीवन का समर्थन करने में सक्षम नहीं होते हैं लेकिन CO2 की सफल खोज से शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इसी तरह की खोज उन चट्टानी खगोलीय पिंडों पर भी की जा सकती है जहां जीवन की अधिक उम्मीद है।

वेब प्रोजेक्ट पर काम करने वाली सैकड़ों लोगों की टीम में से एक यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की प्रोफेसर नताली बटाला ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मेरी पहली प्रतिक्रिया थी- शानदार, हम अन्य ग्रहों के वातावरण का भी पता लगा सकते हैं।’ एक्सोप्लैनेट WASP-39 एक गर्म गैस का विशालकाय ग्रह है जो धरती से 700 प्रकाश वर्ष दूर एक सितारे की परिक्रमा कर रहा है। आने वाले समय में यह रिसर्च नेचर जर्नल में प्रकाशित होगी।

सुपर-अर्थ पर खोज के दरवाजे खुले
फ्रांस के एटोमिक एनर्जी कमिशन के एक खगोल भौतिक विज्ञानी पियरे-ओलिवियर लागेज ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, ‘मेरे लिए यह सुपर-अर्थ (ऐसे ग्रह जो पृथ्वी से बड़े लेकिन नेपच्यून से छोटे होते हैं) या पृथ्वी के आकार के ग्रहों पर भविष्य के शोध के लिए एक दरवाजा खोलता है।’ नासा ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि CO2 का पता लगाने से वैज्ञानिकों को WASP-39 की उत्पत्ति के बारे में और अधिक जानने में मदद मिलेगी।

बृहस्पति से बड़ा एक्सोप्लैनेट का व्यास
पृथ्वी के प्रत्येक चार दिनों में एक्सोप्लैनेट अपने तारे का एक चक्कर पूरा करता है। इसका द्रव्यमान बृहस्पति का एक चौथाई है लेकिन व्यास 1.3 गुना बड़ा है। कुछ दिनों पहले वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब की खींची बृहस्पति ग्रह की रंगीन फोटो जारी की थी। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एमेरिटा और खगोलशास्त्री इम्के डी पाटर ने कहा, ‘हमने सच में इसके इतना अच्छा होने की उम्मीद नहीं की थी।’ नासा ने हाल ही में पर्सियस आकाशगंगा समूह के केंद्र में एक विशाल ब्लैक होल की ध्वनि को खोजा था। नासा ने इस ब्लैकहोल का साउंड भी जारी किया था।